हैलो दोस्तों आज हमारी इस पोस्ट में आपका स्वागत है। आज हम इस पोस्ट में आपको control panel के बारे में जानकारी देने जा रहे है। अगर आपको control panel के बारे में ज्यादा जानकारी नही है तो कोई बात नही आज हम इस पोस्ट में आपको control panel की पूरी जानकारी देंगे। हम आशा करते है कि आपको हमारी ये पोस्ट पसन्द आये। तो चलिए शुरू करते है। दोस्तों में आपको बता दु की control panel computer सिस्टम के लिए बहुत जरूरी होता है। बिना control panel के हम कंप्यूटर को control नही कर पाते हैं। वैसे तो control panel के इंटरफ़ेस बहुत ही आसान होते है। लेकिन अगर आप कंप्यूटर यूजर हो तो आपको control panel की बेसिक जानकारी जरूर होना चाहिए। अगर आपको control panel की जानकारी नही है तो आज हम इस पोस्ट में आपको control panel की जानकारी देंगे।
हमारे कंप्यूटर या लैपटॉप में control panel बड़े ही काम की चीज होती है। यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर सिस्टम के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसकी सहायता है हम हमारे कंप्यूटर में कोई भी सेटिंग्स कर सकते है। लेकिन बहुत ही कम लोगो को पता होता है कि control panel की सेटिंग्स किस काम के लिए उपयोग की जाती है। या फिर उन्होंने कभी भी control panel की सेटिंग्स के बारे में जानने की कोशिश ही नहीं कि होगी। लेकिन control panel की सेटिंग्स में कुछ खास बात होती है जिनकी सहायता से हम कंप्यूटर पर पूरा control कर पाते है। हमारे पूरे कंप्यूटर की configuration या specification की जानकारी control panel में होती है। मतलब आपके कंप्यूटर में कोन सा विंडो वर्जन है। आपके कंप्यूटर की स्पीड क्या है। आपका कंप्यूटर कैसे काम कर रहा है। आपके कंप्यूटर में कोन से एंटीवायरस है। इन सब की पूरी जानकारी हमारे कंप्यूटर में control panel में होती है।
तो दोस्तों आपको control panel क्या होता है। इसके क्या फीचर्स है। तथा यह कैसे कार्य करता है। इसकी पूरी जानकारी के लिए आप हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पड़े। तभी आपको control panel की पूरी ओर सही जानकारी मिल पाएगी। तो चलिए अब बिना देर किए शुरू करते है control panel क्या है।
Control panel एक बहुत सारे प्रोग्रामो का समूह होता है। जिसका उपयोग हार्डवेयर, इंटरनेट सेटिंग्स, यूजर अकाउंट सेटिंग्स, सिस्टम एंड सिक्युरिटी अकाउंट सेटिंग्स, नेटवर्क सेटिंग्स, फ्रांट सेटिंग्स ओर अन्य सेटिंग्स के लिए किया जाता है।
Control panel एक ऐसा सिस्टम होता है जिसमे कंप्यूटर सिस्टम को control करने के सभी तरीके मौजूद होते है। अगर आपको अपने विंडोज कंप्यूटर पर डेस्कटॉप बैकग्राउंड बदलना हो, चाहे कंप्यूटर में इंटरनेट चलाने के लिए सेटिंग्स करना हो, चाहे आपको अपने कंप्यूटर की सुरक्षा के लिए उसमे पासवर्ड लगाना हो, या किसी भी सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में install या uninstall करना हो, या किसी यूजर का अकाउंट बनाना हो और उसे मैनेज करना हो यह सब काम control panel की सहायता से किए जाते है। control panel हमारे कंप्यूटर में विंडोज में एक सेंट्रलाइज्ड कॉन्फ़िग्रेशन एरिया होता है।इसका उपयोग हमारे कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम के लगभग हर पहलू को control करने और उसमें परिवर्तन करने के लिए किया जाता है। अगर हम साधारण शब्दों या भाषा में कहे तो "control panel एक ऐसा ऑप्शन होता है जिसमे सॉफ्टवेयर या सिस्टम को control करने के सारे तरीके मौजूद रहते है।"
या फिर यह कह सकते है कि "यह एक सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है जो माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ का एक घटक होता है। जो कंप्यूटर में किसी यूजर को सिस्टम सेटिंग्स को view या change करने की सुविधा प्रदान करता है।" इसमें की-बोर्ड, माउस फंक्शन, पासवर्ड, डेस्कटॉप बेग्राउंड, पेरेंटल कंट्रोल, हार्डवेयर, प्रोग्राम इंस्टॉलेशन, स्पीच रिकग्निशन, यूजर अकाउंट, नेटवर्क सेटिंग्स, पॉवर सेटिंग्स, साउंड, सॉफ्टवेयर कंट्रोल, पॉवर मैनजमेंट आदि शामिल होते है। विंडोज़ में control panel के काफी शक्तिशाली फ़ीचर्स होते है। जिनकी सहायता से आप ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी पहलुओं में बदलाव कर सकते है।
तो दोस्तों अब आपको भी control panel के बारे में जानकारी हो गई है। आपको भी पता चल गया है control panel क्या है। अब हम इसके function के बारे में आपको जानकारी देंगे। जिससे आपको इसके function के बारे में भी जानकारी हो जाएगी। तो चलिए जानते है इसके function के बारे में।
Function of control panel in hindi -
जैसा कि दोस्तों हमे पता है control panel के बहुत सारे functions ओर फीचर्स होते है। लेकिन इन functions ओर फीचर्स में से बहुत कम का इस्तेमाल किया जाता है। हम यहाँ पर control panel के मुख्य functions के बारे में बात करेंगे।

(1) Devices manager -
Devices manager का उपयोग हमारे कंप्यूटर सिस्टम में हार्डवेयर ओर सॉफ्टवेयर दोनों को आपस मे जोड़ने के लिए किया जाता है। जैसा कि आप अपने कंप्यूटर में की-बोर्ड लगाओगे तो वह एक हार्डवेयर है। और आपकी विंडोज़ पर जो भी उसकी functionality होगी वह एक सॉफ्टवेयर की मदद से होगी। अगर हम एक ओर उदाहरण ले तो माउस एक हार्डवेयर है और आपकी विंडोज़ पर माउस द्वारा जो भी functionality होगी वह सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगी। इन दोनों को आपस मे जोड़ने का कार्य डिवाइस मैनेजर द्वारा किया जाता है।
हम डिवाइस मैनेजर की मदद से हार्डवेयर ओर सॉफ्टवेयर के कनेक्शन को चेक कर सकते है। और यह देख सकते है कि जो डिवाइस हमारे कंप्यूटर से कनेक्ट हुई है वह सही से काम कर रही है या नहीं।
(2) Devices And Printer -
डिवाइस मैनेजर की तरह यह function भी हार्डवेयर ओर सॉफ्टवेयर को आपस मे जोड़ता है। जिस तरह से डिवाइस मैनेजर में कंप्यूटर के इंटरनल हार्डवेयर को सॉफ्टवेयर से कनेक्ट किया जा सकता है। उसी तरह इसमें जो एक्सटर्नल हार्डवेयर है जैसे - एक्सटर्नल माउस, एक्सटर्नल की-बोर्ड, प्रिंटर, स्कैनर आदि को कनेक्ट करके टाइम देख सकते है कि उसकी सेटिंग्स में कोई दिक्कत तो नही आ रही है। और हम इसे यहा से सही भी कर सकते है।
(3) Display -
डिस्प्ले की सेटिंग्स से आप अपने कंप्यूटर की डिस्प्ले की साइज को कम या ज्यादा कर सकते है। उसे रोटेट कर सकते है। ओर अगर आप अपने डिस्प्ले को जूम करके देखना चाहते हो तो आप Magnifying की मदद से अपनी डिस्प्ले को जूम करके भी देख सकते है। तथा इससे ज्यादा डिस्प्ले की सेटिंग्स आपके कंप्यूटर की Home पर मिलेगी। इसके लिए आपको अपने कंप्यूटर की होम स्क्रीन पर जाकर right click करोगे तो वहाँ पर आपको डिस्प्ले की सेटिंग्स का ऑप्शन मिलेगा। आप उस पर cilck करके अपने कंप्यूटर की डिस्प्ले की सेटिंग्स कर सकते है।
(4) File Explorer Options -
इसकी सहायता से आप अपने कंप्यूटर के सभी फोल्डर की सेटिंग्स कर सकते है। जैसे- आप डबल क्लिक से फोल्डर को open करना चाहते हो या फिर सिंगल क्लिक से । या फिर नई विंडो में उस फोल्डर को open करना चाहते हो या उसी विंडो में ।
अगर आप अपने कंप्यूटर में किसी फोल्डर को छिपाना चाहते हो या फिर उसे वापस दिखाना चाहते हो तो आप इस ऑप्शन की मदद से ये काम आप आराम से कर सकते हो। इस ऑप्शन से आप अपने file की सेटिंग्स भी कर सकते हो। अगर आप अपने किसी file की एक्सटेंशन को बदलना चाहते हो तो आप इसकी मदद से अपने किसी भी file की एक्सटेंशन को इस ऑप्शन की मदद से बदल सकते है।
(5) Fonts -
अगर आप एक कंप्यूटर यूजर है और आपको photoshop में एडिटिंग करने का शोक है तो इस ऑप्शन की मदद से आप अपने कंप्यूटर में आसानी से फ़ोटो एडिटिंग कर सकते है। और डिजाइनिंग के लिए टेक्स्ट का इस्तेमाल भी कर सकते है। लेकिन इसके लिए आपको font के बारे में पता होना चाहिए। तभी आप एडिटिंग कर सकते है। आपके कंप्यूटर में जितने भी font होते है वह आप इसमें देख सकते है। अगर आप अपने कंप्यूटर में नए font install करना चाहते है तो आप इस ऑप्शन की मदद से आसानी से नए font install कर सकते है और उन्हें वापस डिलीट भी कर सकते है।
(6) Keyboard -
कंप्यूटर में हम की-बोर्ड द्वारा जो कुछ भी कैरेक्टर लिखते है उनकी रिपीट की जो स्पीड होती है उसे हम इस ऑप्शन की मदद से कम या ज्यादा कर सकते है। वैसे की-बोर्ड में ज्यादा बदलाव की आवश्यकता नही होती है।
(7) mouse -
यह कंप्यूटर की बहुत आवश्यक डिवाइस होती है। माउस में आपको बटन कॉन्फ़िगरेशन का ऑप्शन मिलता है। जिससे आप अपने माउस के बटन को बदल सकते है। मतलब जो काम Left click करता है वह अब right click करेगा तथा जो काम right click करता था वह आप left click करेगा। इसके लिए आपको switch primary and secondary buttons पर click करना होगा।
(8) Language -
इस ऑप्शन की मदद से हम कंप्यूटर में बहुत सी लैंग्वेज को add कर सकते है। हम अपने कंप्यूटर में जिस भी भाषा को देखना चाहते है उसके लिए हमे add लैंग्वेज पर क्लिक करके अपनी भाषा को सेलेक्ट करना होगा । और फिर आप उस भाषा को add कर सकते है।
(9) System -
इस ऑप्शन से कंप्यूटर की कॉन्फ़िगरेशन का पता लगाया जा सकता है। जैसे आपके कंप्यूटर में कितनी gb रेम है। कोनसी विंडोज़ install है। इसका कोन सा प्रोसेसर है ।
(10) Internet option -
अगर आप कंप्यूटर में इंटरनेट का इस्तेमाल करते हो तो आपको इस ऑप्शन के बारे में जरूर पता होना चाहिए। इंटरनेट option के general Tab का option internet explorer के लिए होता है। आप general setting से इसकी सेटिंग्स आसानी से कर सकते है।
(11) sound -
कंप्यूटर में जितनी भी ऑडियो सेटिंग्स होती है वह सब इस ऑप्शन कि मदद से होती है। माइक की मदद से ऑडियो कंप्यूटर में रिकॉर्ड होती है। हमे साउंड से संबंधित जो भी सेटिंग्स करना है वह सब इस ऑप्शन की मदद से होती है।
(12) Troubleshooting -
इसकी मदद से हम विंडो में आने वाली एरर को सही कर सकते है। उदहारण के लिए अगर आपका कोई सॉफ्टवेयर पुराने वर्जन का है जो विंडो के पुराने वर्जन पर काम करता है। लेकिन आपने अपने कंप्यूटर में नई विंडो install की है और वह उस सॉफ्टवेयर पर काम नही कर रही है तो आप ट्रबलशूटिंग की मदद से उस सॉफ्टवेयर को अपने कंप्यूटर विंडो में चला सकते है।
(13) Personalization -
इस ऑप्शन की मदद से आप अपने कंप्यूटर में नई थीम install कर सकते है। आप अपने कंप्यूटर की डिजाइन को बदल सकते है। कंप्यूटर की थीम, वॉलपेपर को बदल सकते है। तथा इसकी सहायता से आप अपने कंप्यूटर के कलर को भी बदल सकते है।
(14) Program and features -
कंप्यूटर में जितने भी सॉफ्टवेयर इनस्टॉल होते है वह प्रोग्राम ओर फ़ीचर्स ऑप्शन में आपको दिखाई देंगे। और आप उस सॉफ्टवेयर का साइज ओर वर्जन आसानी से पता कर सकते है। तथा आप अपने कंप्यूटर में उन सॉफ्टवेयर को डिलीट भी कर सकते है। जिनका उपयोग आप नही करते है।
(1) devices manager -
इसकी सहायता से आप अपने कंप्यूटर में installed सभी हार्डवेयर ओर सॉफ्टवेयर को देख सकते है। और उन्हें control भी कर सकते है। जब कंप्यूटर में कोई हार्डवेयर सही से काम नही करता है तो डिवाइस मैनेजर उस हार्डवेयर के बारे में यूजर को जानकारी देता है। कंप्यूटर में डिवाइस मैनेजर open करने के लिए windows+R टाइप कर Run कमांड को open कीजिए। फिर open होने के बाद Devmgmt. msc कमांड को टाइप कर enter कर दीजिए फिर डिवाइस मैनेजर open हो जायेगा।
(2) Programms -
यह फ़ीचर्स आपको अपने कंप्यूटर में कोन -कोन से एप्लिकेशन installed है उनके बारे में जानकारी देता है। आप इस program ओर सॉफ्टवेयर को यहाँ से uninstall भी कर सकते है।
(3) Create user account -
इस फ़ीचर्स की सहायता से आप एक नया user account बना सकते है। अगर आप अपना कंप्यूटर किसी दूसरे व्यक्ति को देना चाहते है तो आप control panel की सहायता से एक नया user account बना सकते है। आप यहाँ पर एक नया guest account create कर सकते है। नया account create करने के बाद आप उसमे पासवर्ड भी डाल सकते है। उसमें पासवर्ड डालने के बाद ही कोई user उस account को access कर पायेगा।
(4) change clock & language settings -
आप इसकी सहायता से अपने कंप्यूटर की लैंग्वेज को बदल सकते है। हर भाषा को सेट कर सकते है। control panel की सहायता से font सेटिंग्स ओर डिस्प्ले लैंग्वेज को change कर सकते है। यहाँ से हम date व time को भी change कर सकते है।
(5) Mouse & keyboard settings -
Mouse ओर keyboard ये दोनो कंप्यूटर के महत्वपूर्ण उपकरण होते है। इनके बिना हम कंप्यूटर पर कुछ भी काम नहीं कर सकते है। हम control panel की सहायता से आसानी से mouse ओर keyboard की सेटिंग्स बदल सकते है।
(6) Network settings -
कंप्यूटर में इंटरनेट चलाने के दौरान आने वाली समस्या के समाधान के लिए wifi, dongle, सेटिंग्स को chek कर सकते है। फिर आप इन समस्याओं को solve कर सकते है।
Control panel को कैसे ओपन करे -
दोस्तों कंट्रोल पैनल पहले से सभी कंप्यूटर और लैपटॉप में मौजूद रहता है। हम इसे अलग-अलग मेथड्स की सहायता से ओपन कर सकते हैं। हम आपको यहां पर केवल उन मेथड्स के बारे में बताएंगे, जिनका ज्यादातर उपयोग कंट्रोल पैनल को ओपन करने के लिए किया जाता है। और इनकी सहायता से आप आसानी से कंट्रोल पैनल को ओपन कर सकते है।
(1) Run Box की सहायता से -
Run box की सहायता से कंट्रोल पैनल को ओपन करने के लिए आप नीचे बताएं जा रहे स्टेप को फॉलो करें।
(•) सबसे पहले आप की-बोर्ड पर windows+R कीज को दबाएं।
(•) इसके बाद आप यहां पर control टाइप करें। और फिर Enter दबा दें।
(•) कंट्रोल पैनल open हो जाएगा।
(2) Start Menu की सहायता से -
Start menu की सहायता से control panel ओपन करने के लिए
(•) सबसे पहले आपको windows वाले बटन को दबाना है।
(•) अब आपको search bar में control panel type करके कंट्रोल पैनल को search करना है।
(•) अब आपको यहां पर control panel App पर क्लिक करना है।
(•) click करते ही कंट्रोल पैनल open हो जायेगा।
(3) command prompt की सहायता से -
Command prompt की सहायता से open करने के लिए
(•) सबसे पहले आपको command prompt को ओपन करना होगा।
(•) अब आपको यहां command prompt में control panel टाइप करना है।
(•) अब आपको यहां पर enter वाले बटन को दबाना है। जैसे ही आप enter वाले बटन को दबाएंगे control panel ओपन हो जायेगा।
दोस्तों ये थे आसान से तरीके, जिनकी सहायता से आप आसानी से कंट्रोल पैनल को ओपन कर सकते है।
तो दोस्तों यह थे control panel के मुख्य फ़ीचर्स ओर function । इनको पड़ने के बाद अब आप ये तो समझ ही गये होंगे कि control panel क्या है। और इसका उपयोग कैसे ओर कहा किया जाता है।
Conclusion -
आज इस पोस्ट में हमने आपको control panel क्या होता है। तथा इसका उपयोग कहा और कैसे होता है। इसके बारे में आपको पूरी जानकारी दी है। में आशा करता हु की आप लोगो को control panel क्या होता है के बारे में अच्छे से समझ आया होगा। अगर यदि आपको अभी भी इस पोस्ट को लेकर कुछ डाउट्स है या हमारी इस पोस्ट में कुछ सुधार करने की जरूरत है या इस पोस्ट से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन मे है तो आप हमे नीचे comments करके जरूर बताये।
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अभी के लिए बस इतना ही। हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। आपका दिन शुभ हो।
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