हैलो दोस्तों तो कैसे है, आप लोग। जैसा कि आपको पता है। कंप्यूटर का अपना कोई अस्तित्व नहीं होता है। कंप्यूटर स्वयं अपना कोई भी कार्य नहीं कर सकता है। उसे अपना कार्य करने के लिए कुछ प्रोग्राम्स तथा उपकरणों की आवश्यकता होती है। यह प्रोग्राम्स तथा उपकरण ही कंप्यूटर का अस्तित्व निर्धारित करते है। इन्ही उपकरणों तथा प्रोग्राम से कंप्यूटर अपना कार्य कर पाता है। अगर आप हार्डवेयर बारे में जानते हो तो अच्छी बात है लेकिन अगर आप नही जानते है तो कोई बात नहीं आज हम आपको इस पोस्ट में हार्डवेयर के बारे में बताएंगे। यह क्या हैं।यह कितने प्रकार के होते हैं। और यह कैसे कार्य करते हैं।
जैसा कि आपको पता ही होगा कंप्यूटर के मुख्य रूप से दो पार्ट होते है। पहला सॉफ्टवेयर और दूसरा हार्डवेयर । सॉफ्टवेयर को हम कंप्यूटर प्रोग्राम्स भी करते हैं। सॉफ्टवेयर का उपयोग आप हर रोज मोबाइल में, कंप्यूटर का उपयोग करते समय करते हैं। उदाहरण के लिए Ms word, chrome, Ms-powerpoint, Photoshop, Tally तथा Operating System में Android , Windows, Unix आदि। लेकिन क्या आपको पता है कि यह सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर के बिना कुछ भी नहीं है। बिना हार्डवेयर के आप सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं कर पाओगे। उदाहरण के लिए जब तक आप Mouse का उपयोग नहीं करोगे तब तक आप फोटोशॉप में एडिट नहीं कर पाओगे। बिना keyboard के Ms-word में कैसे लिख पाओगे। अब आप यह तो समझ गए होंगे कि बिना हार्डवेयर के सॉफ्टवेयर कार्य नहीं कर सकते। चलिए अब हम जानते हैं कि हार्डवेयर किसे कहते हैं। लेकिन इसके लिए आपको हमारी इस पोस्ट को शुरू से अंत तक पढ़ियेगा। ताकि आपको पता चल जाए हार्डवेयर क्या है और यह कैसे काम करता है।
हार्डवेयर किसे कहते है। -
कंप्यूटर के वे भाग जिसे हम देख सकते हैं और छू सकते हैं उन्हें हार्डवेयर कहा जाता है। हार्डवेयर को हम HW या H/W भी कहते हैं। अगर हम इसे सही तरीके से परिभाषित करें तो हार्डवेयर कंप्यूटर का Physical Component होते हैं। और इस Component मे ICS, Circuitboard तथा दूसरे Electronics होते हैं। कंप्यूटर में जितने भी इनपुट ,आउटपुट, प्रोसेसिंग तथा स्टोरेज डिवाइस होते हैं। वह सभी एक HW ही है। अब हम यह कह सकते हैं कि कंप्यूटर के भाग जीने हम देख सकते हैं ओर छू सकते हैं उन्हें हार्डवेयर कहा जाता है। यह कंप्यूटर के वे भौतिक भाग होते हैं जिनसे मिलकर कंप्यूटर का निर्माण होता है। हार्डवेयर शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है hard मतलब ठोस, तथा ware मतलब समान। यानी कंप्यूटर में लगे ठोस वस्तु को हार्डवेयर कहा जाता है। अर्थात कंप्यूटर से जुड़े जितने भी उसके भाग है जिन्हें हम छू कर महसूस कर सकते हैं उन्हें हम हार्डवेयर कहते हैं। उदाहरण के लिए जैसे मॉनिटर, कीबोर्ड,माउस, सीपीयू, स्पीकर्स, मदरबोर्ड, हार्ड डिस्क आदि। बिना हार्डवेयर के हम कंप्यूटर के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। हार्डवेयर के बिना आपका कंप्यूटर मौजूद नहीं है और इसके बिना आप कोई भी सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं कर सकते हैं। अगर हम सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर की आत्मा कहे तो फिर कंप्यूटर का शरीर उसका हार्डवेयर होगा। परंतु सही तरह से देखा जाए तो हार्डवेयर से कुछ भी कार्य करवाने के लिए हम सॉफ्टवेयर का उपयोग करते है।सॉफ्टवेयर इन हार्डवेयर में जान डालता है। और उसे कार्य करने लायक बनाता है। तब जाकर हम एक जीवित तथा काम करने योग्य कंप्यूटर का उपयोग कर पाते हैं। अगर आपको कंप्यूटर में गाना सुनना है तो ऐसा नहीं होगा कि आप कंप्यूटर को गाने के लिए कहोगे और यह गाना प्ले कर देगा। इसके लिए आपको विंडोज मीडिया प्लेयर या vlc में जाकर गाना प्ले करना होगा तभी वह गाना स्पीकर पर प्ले होगा। इसका मतलब है कि हार्डवेयर को सॉफ्टवेयर के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है। अगर हम हार्डवेयर का सबसे अच्छा उदाहरण ले तो मॉनिटर है। यानी जिस डिवाइस पर इस पोस्ट को पड़ रहे है। क्यों कि स्क्रीन भी एक प्रकार की हार्डवेयर है चाहे वह मोबाइल की हो या कंप्यूटर या लैपटॉप की हो। जो output device कि श्रेणी में गिनी जाती है।
(1) इनपुट डिवाइस -
जैसा कि नाम से प्रतीत होता है यह दो शब्दों से मिलकर बना होता है in यानी अंदर तथा put यानी समावेशित करना। एक ऐसा यंत्र जिसके अंदर हम अपने विचार या आदेश समावेशित कर सके उसे हम इनपुट कहते हैं। इनपुट डिवाइस वे उपकरण होते हैं जो यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों को कंप्यूटर तक पहुंचाते हैं। इसके बाद ही कंप्यूटर अपना कार्य करता है। यह निम्न प्रकार के होते हैं।
(●) Keyboard -
इस हार्डवेयर के बिना तो कंप्यूटर में कुछ भी डाटा इंटर नहीं कर सकते हैं। इसी की मदद से हम कंप्यूटर पर सारे लिखने वाले कार्य करते हैं। आप कंप्यूटर पर जो भी पढ़ते हैं वह इसी कीबोर्ड के द्वारा लिखा गया है। आप इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को देख भी सकते हैं और इसे छूकर महसूस भी कर सकते हैं। इसके अंदर भी दूसरे हार्डवेयर कंपोनेंट होते हैं इस डिवाइस को USB पोर्ट में लगाया जाता है। यह सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले डिवाइस में से है।
(●) Mouse -
माउस को pointing डिवाइस के नाम से भी जाना जाता है कंप्यूटर में किसी भी आइटम को चुनने या खोलने फिर उसे बंद करने के लिए माउस का उपयोग किया जाता है। इसमें तीन बटन होते हैं। Left key, Right key ओर Scroll । इसका उपयोग cursor को कंट्रोल करने के लिए भी किया जाता है। किसी भी वस्तु को सिलेक्ट करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसे एक फ्लैट सरफेस पर रखकर उपयोग किया जाता है।
हार्डवेयर के प्रकार -
Computer में हार्डवेयर दो प्रकार के होते है। इनपुट डिवाइस और आउटपुट डिवाइस।
जैसा कि नाम से प्रतीत होता है यह दो शब्दों से मिलकर बना होता है in यानी अंदर तथा put यानी समावेशित करना। एक ऐसा यंत्र जिसके अंदर हम अपने विचार या आदेश समावेशित कर सके उसे हम इनपुट कहते हैं। इनपुट डिवाइस वे उपकरण होते हैं जो यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों को कंप्यूटर तक पहुंचाते हैं। इसके बाद ही कंप्यूटर अपना कार्य करता है। यह निम्न प्रकार के होते हैं।
(●) Keyboard -
इस हार्डवेयर के बिना तो कंप्यूटर में कुछ भी डाटा इंटर नहीं कर सकते हैं। इसी की मदद से हम कंप्यूटर पर सारे लिखने वाले कार्य करते हैं। आप कंप्यूटर पर जो भी पढ़ते हैं वह इसी कीबोर्ड के द्वारा लिखा गया है। आप इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को देख भी सकते हैं और इसे छूकर महसूस भी कर सकते हैं। इसके अंदर भी दूसरे हार्डवेयर कंपोनेंट होते हैं इस डिवाइस को USB पोर्ट में लगाया जाता है। यह सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले डिवाइस में से है।
(●) Mouse -
माउस को pointing डिवाइस के नाम से भी जाना जाता है कंप्यूटर में किसी भी आइटम को चुनने या खोलने फिर उसे बंद करने के लिए माउस का उपयोग किया जाता है। इसमें तीन बटन होते हैं। Left key, Right key ओर Scroll । इसका उपयोग cursor को कंट्रोल करने के लिए भी किया जाता है। किसी भी वस्तु को सिलेक्ट करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसे एक फ्लैट सरफेस पर रखकर उपयोग किया जाता है।
(●) Scanner -
यह कंप्यूटर का एक बाहरी हार्डवेयर है स्कैनर का उपयोग कर कंप्यूटर में कागजात और तस्वीरों को डिजिटल चित्र में परिवर्तित करके मेमोरी के अंदर रखा जाता है इसे हम External हार्डवेयर भी कहते हैं Scanner का अधिकतर उपयोग डॉक्यूमेंट को स्कैन कर कंप्यूटर में सुरक्षित तरह से स्टोर करने के लिए किया जाता है।
(2) आउटपुट डिवाइस -
आउटपुट शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। out यानी बाहर तथा put यानी समावेशित करना। आउटपुट हमारे द्वारा कंप्यूटर को दिए गए आदेश का पालन करके हमें उसका परिणाम बताता है। आउटपुट वो उपकरण होते हैं जो प्रोसेस्ड सूचनाओं को मानव द्वारा समझने लायक रूप में प्रदर्शित करते हैं। यह हमारे द्वारा दिए गए इनपुट को आउटपुट में प्रदर्शित करते हैं। यह निम्न प्रकार के होते हैं।
(●) Monitor -
यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है। जिसका उपयोग कंप्यूटर में हमें आउटपुट दिखाने के लिए किया जाता है। यह एक टीवी के समान बॉक्स होता है। जो हमारे द्वारा दिए गए इनपुट को आउटपुट में प्रदर्शित करता है। इसकी बढ़िया Display resolution हमें अच्छी और सुंदर तस्वीर दिखाती है। यह दो प्रकार के होते हैं।
● CRT Monitor - यह बहुत बड़े तथा भारी होते हैं। यह बहुत अधिक इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करते हैं। यहां कैथोड-रे ट्यूब टेक्नोलॉजी पर आधारित होते हैं। जो कि television के लिए बनाए गए थे। यह सबसे पुरानी इस्तेमाल किए जाने वाली टेक्नोलॉजी है।
● LCD Monitor - यह मॉनिटर एक तरह के flat panel display होते हैं। यह एक नई तकनीक के मॉनिटर है जो CRT के मुकाबले अच्छे होते हैं। यह कम desk space का इसका इस्तेमाल करते हैं। और कम इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करते हैं। यह वजन में भी हल्के होते हैं। आजकल यही मॉनिटर इस्तेमाल किए जाते हैं। लैपटॉप और नोटबुक कंप्यूटर पर यह टच स्क्रीन का काम भी करते हैं।
(●) Printer
यह एक आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर से प्राप्त जानकारी को कागज पर छपता है। इसमें एक मेमोरी लगी होती है जहां से यह परिणामों को धीरे-धीरे प्रिंट करता है। क्योंकि कागज पर आउटपुट कि यह प्रतिलिपि हार्ड कॉपी कहलाती है। तथा कंप्यूटर से प्राप्त जानकारी का आउटपुट बहुत तेजी से निकलता है। और printer इतनी तेजी से कार्य नहीं कर पाता है। इसलिए इसकी इस कमी को महसूस करते हुए इसके अंदर ही एक मेमोरी का निर्माण किया गया।ताकि जानकारियों को प्रिंटर में ही स्टोर किया जा सके।
(●) CPU - CPU जिसका पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Prosesing Unit) है। इसे हम System Unit भी कहते हैं। यह खुद एक हार्डवेयर नहीं है। इसके अंदर हमें अनेक छोटे-छोटे हार्डवेयर देखने को मिलेंगे। इसे हम कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहते हैं। यह कंप्यूटर को कंट्रोल करने को कार्य करता है। इसके मुख्य रूप से तीन Components होते हैं।
● ALU - जिसे हम Arithmatic Logical Unit कहते हैं। इसमें हम Arithmetic Calculation जैसे addtion, subtraction, maltipication ओर division का कार्य करते हैं।
● CU - जिसे हम कंट्रोल यूनिट कहते हैं। यह Comparision operation perform का कार्य करता है।जैसे Less than, gerater than, equal to ओर not equal to आदि।
● MU - जिसे हम मेमोरी यूनिट कहते हैं। यह दो प्रकार की होती है। प्राइमरी मेमोरी तथा सेकेंडरी मेमोरी।
(●) RAM - RAM का पूरा नाम Random Access Memory है। इसे हम Direct Access मेमोरी भी कहते हैं। यह मेमोरी कंप्यूटर में सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में कम साइज की होती है। यह हमारे मोबाइल में 1GB, 2GB, 4GB, 8GB होती है।
हार्डवेयर ओर सॉफ्टवेयर के बीच अंतर
(●) कंप्यूटर में कोन सा भी काम करने के लिए पहले सॉफ्टवेयर को हार्डवेयर में लोड करना आवश्यक है।(●) हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर आपस में एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं यह दोनों एकजुट होकर कार्य करते हैं।
(●) हार्डवेयर कंप्यूटर का शरीर है तो सॉफ्टवेयर उसकी आत्मा है।
(●) हार्डवेयर के बिना सॉफ्टवेयर अपना काम नहीं कर सकता है। और सॉफ्टवेयर के बिना हार्डवेयर उपयोगी नहीं है। कंप्यूटर में कार्य विशेष करवाने के लिए हार्डवेयर पर उचित सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना पड़ता है
(●) सॉफ्टवेयर यूजर तथा हार्डवेयर के बीच संबंध स्थापित करता है।
(●) हार्डवेयर को सेट ऑफ़ प्रोग्राम के बिना इस्तेमाल करना बहुत कठिन है।
(●) हार्डवेयर को एक ही बार खरीदने की आवश्यकता है जबकि सॉफ्टवेयर को बनाने में और मेंटेनेंस करने में काफी खर्चा आता है।
(●) एक ही हार्डवेयर में अलग-अलग तरह की जॉब को करने के लिए अलग-अलग तरह के सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया जाता है।
कहने का तात्पर्य है कि हार्डवेयर सॉफ्टवेयर दोनों एक दूसरे के बिना कुछ नहीं है कंप्यूटर में जितनी ही हार्डवेयर की आवश्यकता होती है उतनी सॉफ्टवेयर की भी होती है।
Hardware अपग्रेडेशन क्या है
कंप्यूटर में कंप्यूटर की कार्य करने की क्षमता उसके फीचर निष्पादन को बढ़ाने के लिए उसके उपकरणों को नई तकनीकी या अधिक क्षमता के उपकरण से बदलना हार्डवेयर अपग्रेड करना कहलाता है। उदाहरण के लिए यदि आपके कंप्यूटर में 2GB DDR2 RAM लगी हुई है। यदि आप इसे 4GB DDR2 में बदल देते हैं तब यह रेम अपग्रेड करना कहलाता है। आप हार्डवेयर में कंप्यूटर के किसी भी उपकरण को अपग्रेड कर सकते हैं। और आप अपने कंप्यूटर की क्षमता, फीचर, गति को बढ़ा सकते हैं।
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