हेलो दोस्तों तो कैसे हैं, आप लोग। हमारे आर्टिकल में आपका स्वागत है। दोस्तों अगर आप कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट है, या फिर कंप्यूटर से जुड़ी जानकारियां जानने के इच्छुक है, तो आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होने वाला है। हम आपको यहां पर टोपोलॉजी से जुड़ी जानकारी शेयर करने वाले हैं।
दोस्तों जैसा कि हम सब जानते हैं, कंप्यूटर नेटवर्क भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं। इनकी सहायता से ही किसी जानकारी को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक पहुंचाया जाता है। और इस पूरे प्रोसेस को नेटवर्क कहा जाता है। क्योंकि इस पूरी प्रोसेस में दो डिवाइस आपस में नेटवर्क की सहायता से एक दूसरे से जुड़ते हैं। और इस नेटवर्क का जो पूरा डिजाइन होता है, जैसे उसे कैसे तैयार किया जाता है, उसके कितने प्रकार होते हैं, इसे टोपोलॉजी कहा जाता है।
दोस्तों अगर आप भी टोपोलॉजी के बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं, तो आप हमारे साथ लास्ट तक बने रहे। हम आपको टोपोलॉजी क्या है, इसकी पूरी जानकारी देंगे। तो चलिए अब बिना देर किए शुरू करते है।
टोपोलॉजी क्या है? (what is topology in hindi)-
टोपोलॉजी नेटवर्क की आकृति या लेआउट को कहा जाता है। नेटवर्क का लेआउट टोपोलॉजी होता है। मतलब नेटवर्क के विभिन्न नोड किस तरह हो से आपस में जुड़े रहते हैं, तथा कैसे एक दूसरे की सहायता से कम्युनिकेशन स्थापित करते हैं, यह सब टोपोलॉजी द्वारा ही निर्धारित किया जाता है। अगर हम आसान शब्दों में कहे तो कंप्यूटर को आपस में जोड़ने और उसमें डाटा flow की विधि टोपोलॉजी कहलाती है। यह दो प्रकार की होती है, फिजिक्स और लॉजिकल।
नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है। (what is network topology in hindi)-
जब विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर आपस में एक दूसरे से जोड़कर किसी तरह की जानकारी शेयर करते हैं, तो इसे नेटवर्क कहते हैं। तथा इसमें कंप्यूटर जिस तरह से आपस में एक दूसरे से जुड़े रहते हैं, उसे नेटवर्क टोपोलॉजी कहते हैं। एक तरह से नेटवर्क टोपोलॉजी कम्युनिकेशन नेटवर्क के तत्वों जैसे- links, modes, की व्यवस्था है। तथा नेटवर्क टोपोलॉजी का उपयोग विभिन्न प्रकार के टेलीकॉम कम्युनिकेशन नेटवर्क को व्यवस्थित करने में किया जाता है। जिनमें मुख्य रुप से control Radio Networks, Computer Networks, Industrial Field Buses और Command आदि शामिल होते हैं। दोस्तों अब तो आपको पता चल गया है, network topology क्या है। अब हम इसके प्रकार के बारे में जानेंगे।
नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार (types of network topology in hindi)-
Network topology निम्न प्रकार की होती है।
(•) रिंग टोपोलॉजी ( ring topology)
(•) बस टोपोलॉजी ( bus topology)
(•) स्टार टोपोलॉजी ( star topology)
(•) ट्री टोपोलॉजी ( tree topology)
(•) मेश टोपोलॉजी ( mesh topology)
(1) रिंग टोपोलॉजी या रिंग नेटवर्क ( ring topology / ring network) -
रिंग टोपोलॉजी मैं सभी कंप्यूटर आपस में एक गोलाकार आकृति या circular structure में जुड़े रहते हैं। यह नेटवर्क आखरी वाले कंप्यूटर से पहले वाले कंप्यूटर को जोड़ता है। इसमें सभी कंप्यूटर आपस में जुड़ने पर ही एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। इस कंप्यूटर में कोई होस्ट (host) या मुख्य कंट्रोलिंग कंप्यूटर (main controling computer) नहीं होता है। अर्थात रिंग टोपोलॉजी में कोई भी कंप्यूटर (owner) स्वामी नहीं होता है। इसलिए इसे सर्कुलर (circular) भी कहते हैं। रिंग नेटवर्क के प्रत्येक डिवाइस में दो NIC (Network Interface Card) लगे रहते हैं। तथा इसमें डाटा का आदान-प्रदान साधारण गति से होता है। मगर इस गति को सही तरीके से चलाने के लिए कंप्यूटर डाटा प्राप्त करने के बाद उसके समीप के अन्य कंप्यूटर को यह निर्धारित चयन करना होता है, कि भेजा गया डाटा उनके लिए है, या नहीं। अगर यह डाटा समीप वाले कंप्यूटर के लिए नहीं है, तो उसे आगे दूसरे कंप्यूटर को pass कर दिया जाता है। इसे इससे डाटा भी circulate होता रहता है।
Advantages of ring topology -
(•) इसके नेटवर्क की गति बहुत अच्छी होती है।
(•) यह किसी एक कंप्यूटर पर निर्भर नहीं होता है।
(•) रिंग टोपोलॉजी/नेटवर्क को मैनेज करना भी आसान होता है।
(•) इस नेटवर्क में यदि एक लाइन या कंप्यूटर काम करना बंद कर दे तो, फिर दूसरी दिशा की लाइन से काम किया जा सकता है।
(•) इसे इंस्टॉल करने में खर्चा भी कम होता है।
Disadvantages of ring topology -
(•) इसकी गति नेटवर्क में लगे कंप्यूटर पर निर्भर करती है। अर्थात यदि कंप्यूटर कम है, तो इस गति अच्छी होगी, और कंप्यूटर ज्यादा है, तो इसकी गति कम होगी।
(•) इसमें यदि एक कंप्यूटर खराब होता है, तो फिर पूरा नेटवर्क खराब हो जाता है।
(•) इसमें किसी चीज को Add या Remove करना होता है, तो इस नेटवर्क को एक्सेस करने में परेशानी होती है।
(•) इस नेटवर्क पर कार्य करने के लिए अत्यंत जटिल सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है।
(•) इसमें टूबलशूटिंग करना बहुत कठिन होता है।
(2) स्टार टोपोलॉजी (star topology)-
इस नेटवर्क मैं एक Host Computer होता है। जिसे विभिन्न कंप्यूटर से जोड़ दिया जाता है। और उनको नियंत्रित करता है। इसमें सारे कंप्यूटर एक Network या Hub के द्वारा जुड़े रहते हैं। इसको Host कंप्यूटर द्वारा आपस में जोड़ा जाता है। लोकल कंप्यूटर आपस में एक दूसरे से नहीं जुड़े रहते हैं। इस नेटवर्क में Hub में कोई प्रॉब्लम आती है, तो पूरा नेटवर्क खराब हो जाता है। लेकिन अगर लोकल कंप्यूटर खराब हो जाता है, तो बाकी कंप्यूटर सिस्टम पर कोई असर नहीं होता है। तथा स्टार टोपोलॉजी सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है।
Advantages of Star Topology -
(•) इस नेटवर्क में एक कंप्यूटर से Host कंप्यूटर में लाइन बिछाने में कम लागत लगती है।
(•) यदि इसमें कोई लोकल कंप्यूटर खराब हो जाता है, तो पूरे सिस्टम पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
(•) इसकी सहायता से नेटवर्क को बड़ी आसानी से बड़ा किया जा सकता है।
(•) यह सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली टोपोलॉजी है।
Disadvantages of Star Topology -
(•) यह टोपोलॉजी इस्तेमाल करने में थोड़ी महंगी होती है।
(•) यह पूरा नेटवर्क Hub या Host कंप्यूटर पर निर्भर होता है। यदि Hub या Host कंप्यूटर खराब हो जाता है, तो पूरा सिस्टम या नेटवर्क फेल हो जाता है।
(3) बस टोपोलॉजी (bus tolopogy)-
इसमें एक ही तार या केबल का उपयोग किया जाता है। और इस तार की सहायता से सभी कंप्यूटर को आपस में जोड़ा जाता है। इस केबल या तार के start point और end point के सिरे में एक विशेष प्रकार का डिवाइस लगा होता है। जिसे टर्मिनेटर (terminator) कहते हैं। इस टर्मिनेटर का कार्य सिग्नल को कंट्रोल करना होता है।
Advantages of Bus Topology -
(•) यह बहुत सस्ती टोपोलॉजी होती है।
(•) इसे इंस्टॉल करना आसान होता है।
(•) इस टोपोलॉजी में कम केबल का उपयोग होता है।
(•) इस टोपोलॉजी में नेटवर्क को create (बनाना) करना आसान होता है।
Disadvantages of Bus Topology -
(•) यह टोपोलॉजी थोड़ा धीरे काम करती है।
(•) इसमें अगर कोई एक कंप्यूटर खराब हो जाता है, तो सारा नेटवर्क खराब हो जाता है।
(•) इसमें केबल की लंबाई सीमित होती है।
(•) नेटवर्क खराब होने के बाद किसी अन्य कंप्यूटर को जोड़ना थोड़ा कठिन होता है।
(4) ट्री टोलोपॉजी (tree topology) -
Tree Topology का structure मिश्रित structure होता है। Tree Topology एक पेड़ की तरह होता है। इस टोपोलॉजी में star topology और bus tolopogy दोनों के ही लक्षण पाए जाते हैं। इस टोपोलॉजी में स्टार टोपोलॉजी की तरह ही एक होस्ट कंप्यूटर (Host Computer) होता है। तथा बस टोपोलॉजी की तरह सारे कंप्यूटर एक ही केबल से जुड़े रहते हैं। Tree Topology में प्रत्येक segment के लिए point cable बिछाई जाती है। मगर यदि Back Bone Line या केबल लाइन टूट जाती है, तो पूरा ही नेटवर्क रुक जाता है।
Advantages of Tree Topology -
(•) Tree Topology में नेटवर्क को बढ़ाना आसान होता है।
(•) यह कई हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर विक्रेताओं के द्वारा सपोर्ट किया जाता है।
(•) इसमें डिवाइस का point to point connection होता है।
Disadvantages of Tree Topology -
(•) इसके रख रखाव में परेशानी आती है।
(•) इसमें segment की कुल लंबाई उपयोग होने वाले तार के द्वारा सीमित होती है।
(•) इसमें तार बिछाना कठिन होता है।
(•) यह टोपोलॉजी महंगी होती है।
(•) अगर एक कंप्यूटर या नोड खराब हो जाता है, तो सारे चाइल्ड नोड के नेटवर्क भी काम नहीं कर पाते हैं।
(•) Back Bone Line टूट जाने पर पूरा segment रुक जाता है।
(5) मेश टोपोलॉजी (mesh topology)-
मेश टोपोलॉजी को मेश नेटवर्क भी कहा जाता है। क्योंकि इसमें नेटवर्क का एक जाल बिछा होता है, जिसमें डिवाइस व नेटवर्क नोड्स के बीच में कई inter connections मौजूद होते हैं। जिसकी सहायता से वे आपस में एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। अर्थात मेश टोपोलॉजी में प्रत्येक नोड नेटवर्क के अन्य सभी नोड से जुड़े रहते हैं।
मेश टोपोलॉजी में सारे कंप्यूटर कहीं ना कहीं एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। और एक दूसरे से जुड़े होने के कारण अपनी सूचनाओं का आदान प्रदान या डाटा ट्रांसफर करना आसान होता है। इसमें कोई Host Computer नहीं होता है।
(6) हाइब्रिड टोपोलॉजी (hybrid topology)-
जब नेटवर्क को बनाने के लिए जब दो या दो से ज्यादा अलग-अलग प्रकार की टोपोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है, तो इसे हाइब्रिड टोपोलॉजी कहते हैं। अगर हम साधारण शब्दों में कहें तो जब एक टोपोलॉजी को दूसरी टोपोलॉजी के साथ जोड़ा जाने के बाद जो टोपोलॉजी बनेगी उसे हाइब्रिड टोपोलॉजी कहते हैं। हाइब्रिड टोपोलॉजी के अनेक फायदे हैं। इसमें अलग-अलग टोपोलॉजी के मिश्रण के कारण बनी यह टोपोलॉजी उनके सभी मूल विशेष लक्षणों को दर्शाती है। लेकिन इस टोपोलॉजी का यह नुकसान भी है, कि यह दूसरे प्रकार के लक्षणों पर आधारित होती है। इसका स्वयं का कोई विशेष लक्षण नहीं होता है।
Advantages of Hybrid Topology -
(•) इसके नेटवर्क में किसी तरह की कोई खराबी आती है, तो उसके फॉल्ट डिवाइस को खोजना आसान होता है।
Disadvantages of Hybrid Topology -
(•) यह टोपोलॉजी बहुत महंगी होती है।
(•) इस टोपोलॉजी को इंस्टॉल करना कठिन होता है।
टोपोलॉजी का उद्देश्य ( what is the purpose of topology) -
(•) Computer का एक Arrangement करना और बिना किसी बाधा के network का प्रसार करना ही टोपोलॉजी का काम होता है।
(•) Topology के द्वारा नेटवर्क का लेआउट निर्धारित किया जाता है।
(•) लेआउट निर्धारित करने के बाद कंप्यूटर्स को आपस में जोड़ने के लिए सर्व डाटा फ्लो की विधि अपनाई जाती है। जिसे टोपोलॉजी कहते हैं।
(•) Topology Mathematics में एक Geometric वस्तु के गुणों से संबंधित है, जो निरंतर विकृति के बाद भी संरक्षित रहती है।
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तो दोस्तों यह थी, टोपोलॉजी के बारे में जानकारी। हमें उम्मीद है, आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी।