हेलो दोस्तों तो कैसे हैं, आप लोग। हमारे ब्लॉग पर आपका स्वागत है। दोस्तों जैसा कि हम सब जानते हैं, ऑपरेटिंग सिस्टम किसे कहते है, और यह कितने प्रकार के होते हैं। जो कंप्यूटर यूजर्स है, उनको तो operating system के बारे में जानकारी होती है। लेकिन कुछ यूजर्स ऐसे भी होते हैं, जो कंप्यूटर का उपयोग तो करते हैं, लेकिन ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जानकारी नहीं होती है। दोस्तों रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम और टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम यह दोनों ही ऑपरेटिंग सिस्टम के भाग है। कंप्यूटर में जहां टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग सामान्य कार्यों को करने के लिए किया जाता है। वही रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किसी विशिष्ट कार्य को करने के लिए किया जाता है।
दोस्तों अगर देखा जाए तो टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम और रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम में जो महत्वपूर्ण अंतर है, वह यह है, कि टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में की गई रिक्वेस्ट और तुरंत रिस्पांस देने पर केंद्रित होता है। दूसरी ओर रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम दिए गए समय सीमा से पहले ही एक कंप्यूटेशनल कार्य पूरा करने पर केंद्रित होता है।
दोस्तों अगर आपको भी रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम और टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जानकारी नहीं है, और इनके बीच क्या अंतर है यह जानना चाहते हैं, तो हम आपको इस पोस्ट में टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम और रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के बीच क्या अंतर है, यह जानकारी देने वाले हैं। तो आप हमारे साथ अंत तक बने रहे।
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम की परिभाषा -
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम डाटा प्रोसेसिंग के रूप में भी जाने जाते है। यह ज्यादातर एंबेडेड सिस्टम पर लागू होता है। इसे RTOS भी कहा जाता है।
यह ऑपरेटिंग सिस्टम रियल टाइम में काम करते हैं, तथा इनमें किसी इवेंट या कार्य को क्रियान्वित करने के लिए एक पूर्व समय निर्धारित होता है। जिसे रिस्पांस टाइम कहा जाता है। जब समय की बहुत ज्यादा सख्त जरूरत होती है, वहां पर रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है। यह मूल रूप से उन अनुप्रयोगों में लागू किया जाता है, जिनमें नियंत्रण उपकरण शामिल होते है। मतलब इनका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों, मेडिकल इमेजिंग सिस्टम, औद्योगिक इंडस्ट्रियल नियंत्रण सिस्टम, रोबोट्स, मिसाइल सिस्टम, हवाई यातायात नियंत्रण, ऑटोमोबाइल इंजन ईधन इंजेक्शन सिस्टम आदि में।
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम की परिभाषा -
Time sharing operating system मल्टीप्रोग्रामिंग कॉन्सेप्ट पर काम करता है। इस सिस्टम का उपयोग नेटवर्क में किया जाता है। इसके माध्यम से विभिन्न यूजर्स एक ही समय में कोई प्रोग्राम का उपयोग कर सकते हैं। इसकी स्विचिंग बहुत तेज होती है, ताकि उपयोगकर्ता प्रत्येक प्रोग्राम के साथ इंटरेक्ट कर सके। टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रत्येक प्रोसेस को निष्पादित करने के लिए एक फिक्स्ड टाइम दिया जाता है। इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम में यूजर्स के अकाउंट बना दिए जाते हैं, ताकि किस यूजर्स को सॉफ्टवेयर का उपयोग करने हेतु कितनी परमिशन मिली है, यह पता चल सके।
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम एक ही समय में कई उपयोगकर्ताओं के लिए कंप्यूटर संसाधनों को शेयर करने में सक्षम बनाता है। इसमें प्रत्येक क्रिया या कमांड एक टाइम शेयरिंग सिस्टम में मौजूद होती है। इसलिए उपयोगकर्ता को सीपीयू (CPU) समय की कम आवश्यकता होती है। टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम को शेयरिंग सिस्टम थोड़े टाइम तक देने के लिए CPU शॉड्यूलिंग और मल्टीप्रोग्रामिंग का उपयोग करता है। इसमें यदि एक यूजर को cpu इस्तेमाल करने का समय 2 सेकंड दिया जाता है, तो 2 सेकंड के बाद वह अपने आप ही दूसरे यूजर को उपलब्ध हो जाएगा, और यह इसी तरह से बढ़ता चला जाता है।
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम और रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम में अंतर -
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम | टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम |
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रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम में बाहरी घटनाओं को समय सीमा के अंदर प्रोसेस किया जाता है। | टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम को शेयर करते समय कई उपयोगकर्ताओ के मध्य कंप्यूटर संसाधनों को शेयर किया जाता है। |
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम में स्विचिंग नहीं होती है। | टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम CPU को एक प्रकिया से दूसरी प्रक्रिया में बदलने के लिए स्विचिंग का उपयोग करता है। |
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम में उपयोगकर्ताओ को किसी विशेष समय सीमा के अंदर प्रतिक्रिया प्राप्त करना होती है। अन्यथा सिस्टम के फेल होने की संभावना होती है। | टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में उत्पन्न प्रतिक्रियाए बहुत तेज होती है। इसके परिणाम गलत नहीं होते है। |
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम में केवल एक एप्लीकेशन शामिल होती है। | टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में समय शेयर करने की प्रक्रियाओं को कई अलग-अलग एप्लीकेशन से गुजरना पड़ता है। |
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम में किसी भी कार्य को शिफ्ट करने का निर्धारित समय बहुत कम होता है। | टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में cpu का समय 2 सेकेंड दिया जाता है। 2 सेकेंड बाद यह अपने आप ही दूसरे व्यक्ति को उपलब्ध हो जाएगा। |
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रोग्रामर के लिए algorithm बनाना बहुत कठिन होता है। | टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रोग्राम को यूजर्स के द्वारा संशोधित किया जा सकता है। |
टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम कई उपयोगकर्ताओ द्वारा कंप्यूटर सिस्टम के साथ साथ cpu को स्विच करने के माध्यम से एक साथ इंटरैक्टिव उपयोग की अनुमति देता है। वही रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम एक समय में एक ही कार्य को पूरा करने और समय पर सेवाएं देने के लिए उपयोग किया जाता है।
- टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम कैसे काम करता है।
- सिस्टम सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते है।
- प्रोसेसर कैसे काम करता है।
दोस्तो यह थी जानकारी और अंतर रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम और टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में। मुझे उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।