हेलो दोस्तों तो कैसे हैं, आप लोग। हमारे blog पर आपका स्वागत है। दोस्तों क्या आप एंटीवायरस क्या है यह जानते है। अगर नहीं तो आज हम antivirus क्या है, इसके बारे में जानेंगे।
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यदि आप एक कंप्यूटर यूजर है तो आपको एंटीवयरस की जानकारी होना जरूरी है। अगर आपको एंटीवायरस की जानकारी है तो संभव ही आपको पता होगा कि वायरस क्या है। और कंप्यूटर सिस्टम पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
दोस्तो अगर आप भी antivirus किसे कहते है, यह जानना चाहते है, तो हमारे साथ आखिरी तक बने रहें।हम आपको यहां पर antivirus की पूरी जानकारी देने वाले है। तो चलिए अब बिना देर किए शुरू करते है। लेकिन antivirus के बारे में जानने से पहले हम जान लेते है वायरस क्या है।
वायरस किसे कहते है।-
अगर आपको वायरस के बारे नहीं पता है, तो चलिए हम आपको बताते हैं, वायरस किसी भी कंप्यूटर प्रोग्राम के लिए एक ऐसा दोषपूर्ण प्रोग्राम है, जो जिसका उद्देश्य केवल और केवल कंप्यूटर में समाहित समुचित सूचनाओं को नष्ट करना होता है। कंप्यूटर की जितनी भी फाइल होती है, उन सभी सूचनाओं को खराब या करप्ट करना है। किसी भी कंप्यूटर यूजर की पहली प्राथमिकता ही अपने कंप्यूटर को वायरस से बचाना होना चाहिए। कंप्यूटर में वायरस आने के अनेक कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में हमें भी कभी-कभी पता नहीं चल पाता है, कि हमारे कंप्यूटर में वायरस कैसे और कहां से आया है। वायरस कही से भी सकता है। किसी app को कंप्यूटर में install करते समय या फिर पेनड्राइव या मोबाइल से कंप्यूटर में डाटा ट्रांसफर करते समय। यह कही से भी आ सकता है। अब सवाल यह आता है, कि हम अपने कंप्यूटर को किस प्रकार से वायरस से सुरक्षित रख सके। और कंप्यूटर के अंदर रखे अपने डॉक्यूमेंट को किस तरह सुरक्षा प्रदान कर सके। जैसा कि हमें पता है, अगर कंप्यूटर में वायरस आता है, तो सबसे पहले हमारा ध्यान केवल एक ओर ही जाता है, और वह है एंटीवायरस। अब आप सोच रहे होंगे ये एंटीवायरस क्या है। तो हम आपको इसके बारे में नीचे बता रहे है।
एंटीवायरस क्या है।(what is antivirus in hind) -
दोस्तो एंटीवायरस वह प्रोग्राम है, जो कंप्यूटर और लैपटॉप को वायरस से सुरक्षित रखता है। Antivirus का प्रमुख काम कंप्यूटर को किसी भी प्रकार के वायरस से सुरक्षा प्रदान करना होता है। किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में एंटीवायरस का होना बहुत जरूरी है। जब आप अपने कंप्यूटर सिस्टम में पेनड्राइव या USB केबल से कुछ इंपोर्टेंट फाइल या डाटा का आदान प्रदान करते हैं, तब वायरस आपके कंप्यूटर सिस्टम में आने का ज्यादा खतरा होता है। जिसका असर आपके कंप्यूटर सिस्टम पर भी पड़ता है। जिसकी वजह से आपका कंप्यूटर या लैपटॉप या तो स्लो या हैंग होने लगता है। और आपका सिस्टम सही से काम नहीं कर पाता है। ऐसी situation में आप एंटीवायरस का उपयोग कर आप के लैपटॉप और कंप्यूटर से वायरस को delete कर सकते है। और लैपटॉप व कंप्यूटर को सही से access कर पाते हैं। इसलिए हमारे कंप्यूटर और लैपटॉप में एंटीवायरस का होना बहुत जरूरी है।
एंटीवायरस की परिभाषा -
अगर हम आसान शब्दों में समझें तो एंटीवायरस वह सॉफ्टवेयर होता है, जो कंप्यूटर में गुप्त सभी वायरस प्रोग्राम को डिलीट करने का कार्य करता है। तथा हमारे कंप्यूटर की विभिन्न फाइलों को सुरक्षित रखने का कार्य करता है। एंटीवायरस किसी भी वायरस से हमारे कंप्यूटर को सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करता है। एंटीवायरस को anti-malware सॉफ्टवेयर भी कहा जाता है। क्योंकि यह कंप्यूटर और लैपटॉप सिस्टम में malware spyware आदि खतरनाक प्रोग्राम का पता लगाने तथा उन्हें डिलीट करने का कार्य करने में सक्षम होता है। एंटीवायरस किसी सिस्टम में Adware, Spyware, Trojan Horse आदि खतरनाक प्रोग्राम से यूजर के डाटा को सुरक्षित करता है। एंटीवायरस का निर्माण कंप्यूटर में वायरस का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए किया गया है। वर्तमान समय में अत्याधुनिक तकनीक के एंटीवायरस मौजूद है, जो कंप्यूटर और लैपटॉप की सुरक्षा प्रदान करने के लिए है। आपको यह जानना भी आवश्यक है, कि एंटीवायरस का उपयोग ना सिर्फ कंप्यूटर में बल्कि सोशल इंजीनियरिंग, इंटरनेट बैंकिंग आदि से होने वाले online हमलों से उपयोगकर्ताओं को बचाने के लिए उपयोग किए जा रहे हैं।
एंटीवायरस कैसे काम करता है।-
कंप्यूटर सिस्टम और लैपटॉप में कोई भी एंटीवायरस अपने डेटाबेस में उपलब्ध जानकारी को फाइल के रूप में स्कैन करता है। यदि डेटाबेस में कोई पैटर्न समान होता है, तो एंटीवायरस उससे वायरस का नाम देता है। जब भी हम कंप्यूटर सिस्टम में कोई भी फाइल इंस्टॉल करते हैं, तो एंटीवायरस पहले से उसे स्कैन करता है। स्कैन करने के पश्चात कंप्यूटर सिस्टम में कोई प्रोग्राम एंटीवायरस के प्रोग्राम के समान होता है, तो एंटीवायरस उस प्रोग्राम को वायरस का नाम दे देता है। वायरस को स्कैन करने और पहचानने की एंटीवायरस की भी भिन्न-भिन्न प्रकृतिया होती है। जब एंटीवायरस के द्वारा वायरस को पहचान लिया जाता है, तो यह कंप्यूटर और लैपटॉप सिस्टम में प्रोग्राम यूजर को संदेश के द्वारा इस खतरनाक प्रोग्राम की जानकारी उपलब्ध करवाता है। जिससे यूजर अपनी जानकारी और सुझाए गए उपायों के द्वारा वायरस को नष्ट कर देता है। इस तरह हमारा कंप्यूटर और लैपटॉप सुरक्षित हो जाता है।
एंटीवायरस का इतिहास -
उस समय इस वायरस को हटाने के लिए अनेक प्रकार के शोध किए गए, तब जाकर हमें "रे टॉमलिंसन" द्वारा क्रीपर वायरस को नष्ट करने के लिए एक प्रोग्राम बनाया गया। जिसे हम द रीपर के नाम से भी जानते थे। इस वायरस के जन्म के बाद सन् 1981 में एक एल्क क्लोनर वायरस का जन्म हुआ। जिसने एप्पल कंपनी के दूसरी सीरीज के कंप्यूटर पर वायरस हमला किया। वर्ष 1987 में एंड्रियास ल्यूनिंग तथा काईफेज नाम के व्यक्तियों द्वारा पहला एंटीवायरस लॉन्च किया गया। उसी वर्ष 1987 में MCAFee कंपनी द्वारा virus scan नामक एंटीवायरस लॉन्च किया गया। फिर समय के साथ-साथ 1989 तक एंटीवायरस का निर्माण करने वाली अनेक कंपनियों के निर्माण में वृद्धि होती गई। अब वर्तमान समय में ऐसे अनेक एंटीवायरस का निर्माण हो गया, जिसे कई हद तक वायरस को पहचान कर उन्हें नष्ट किया जा सकता है। सन 1990 में कंप्यूटर एंटीवायरस अनुसंधान संगठन (CARO) की स्थापना की गई। तथा 1992 में AVG तकनीक का विकास किया गया। AVG एंटीवायरस का पहला संस्करण भी इसी वर्ष लॉन्च किया गया। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया और कई सारी कंपनियों ने एंटीवायरस बनाने पर ध्यान दिया।
एंटीवायरस से संबंधित जरूरी जानकारी।-
Virus Definition -
Background Scanning -
Conclusion -
आज इस पोस्ट में हमने आपको एंटीवायरस किसे कहते है। ओर इसके उपयोग कहा किया जाता है। इसके बारे में आपको पूरी जानकारी दी है। में आशा करता हु की आप लोगो को antivirus किसे कहते है। इसके बारे में अच्छे से समझ आया होगा। अगर यदि आपको अभी भी इस पोस्ट को लेकर कुछ डाउट्स है, तो आप हमे नीचे comments करके जरूर बताये।ओर यदि आपको हमारी पोस्ट antivirus किसे कहते है। हिंदी में अच्छी लगी हो, ओर आपको इससे कुछ सीखने का मिला हो तो हमे comments करके जरूर बताए।ओर इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ whatsapp group , facebook ओर अन्य social networks site's पर शेयर करे और इस जानकारी को अन्य लोगो तक पहुचाने में हमारी मदद करे।
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