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DBMS क्या है। DBMS का परिचय और इसके उपयोग। in Hindi.

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हेलो दोस्तों तो कैसे हैं, आप लोग। क्या आप कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट हो, अगर हां तो फिर आपको DBMS के बारे में तो पता ही होगा। अगर आपको पता नहीं है, तो कोई बात नहीं आज हम आपको इस पोस्ट में DBMS की पूरी जानकारी देंगे। दोस्तों हमने इससे पहले आपको डेटाबेस क्या होता है, इसके बारे में बताया था। और आज के इस artical में हम DBMS के बारे में बात करेंगे। दोस्तों कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट को अक्सर DBMS पढ़ने में जरूर आता है। यह क्या है, कैसे कार्य करता है, और यह कितने प्रकार के होते हैं।

अगर आपको भी DBMS के बारे में कुछ ज्यादा पता नहीं है तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होने वाला है।

हम आपको DBMS के बारे में बताएंगे। यानी Database Management System के बारे में। तो चलिए अब बिना देर किए शुरू करते हैं।

DBMS क्या है।(what is DBMS in hindi)-

DBMS जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, डाटा को मैनेज करने वाला। DBMS 4 शब्दों से मिलकर बना होता है, Data, Base, Management, System.इन प्रत्येक शब्द का अपना स्वयं का मतलब होता है। और जब इन्हें आपस में मिलाया जाता है तो यह एक बहुत बड़े कांसेप्ट (concept) का निर्माण करते हैं, जिसे DBMS कहते हैं। जिसका उपयोग डेटाबेस को बनाने और संभालने के लिए किया जाता है।

DBMS किसे कहते है।

DBMS एक सॉफ्टवेयर होता है, जिसका उपयोग Data को मैनेज करने के लिए किया जाता है। डाटा को बनाने से लेकर संभालने तथा डिलीट करने का सारा कार्य DBMS के द्वारा ही किया जाता है। DBMS की सहायता से डेटाबेस को create किया जाता है, और उस डाटाबेस को मैं डाटा को insert, update और delete जैसे task इसी सॉफ्टवेयर की मदद से किए जाते हैं। DBMS की सहायता से प्रोग्राम और यूजर दोनों अपने data को संभाल सकते हैं, और अपडेट कर सकते हैं। अगर साधारण शब्दों में कहे तो यह एक डाटा का कलेक्शन होता है, यह वही डाटा कलेक्शन होता है, facts और figures का जिसे इंफॉर्मेशन को open करने के लिए प्रोसेस किया जाता है। यह DBMS डाटा को कुछ इस प्रकार से स्टोर करता है, कि जिससे डाटा को retrive, manipulate और information produce करना आसान होता है। इसके अलावा इसकी सहायता से किसी एप्लीकेशन द्वारा जरूरत पड़ने पर डेटाबेस को एक्सेस भी किया जा सकता है। यह एक करता interface provide है। जिसकी सहायता से यूजर उस डेटाबेस में डाटा insert और modify कर सकता है।

DBMS के कार्य -

DBMS के बहुत सारे कार्य होते हैं, लेकिन हम आपको यहां पर कुछ इंर्पोटेंट कार्य बताएंगे।


(1) Data Redundancy - DBMS file system मैं प्रत्येक एप्लीकेशन की अपनी फाइल होती हैं, ऐसी सिचुएशन (situation) में कई स्थानों पर एक ही डाटा की बहुत सारी डुप्लीकेट फाइल बन जाती है, जिसकी वजह से DBMS मैं एक स्थान पर एक ही तरह की फाइल को स्टोर किया जाता है। मतलब डाटा को डेटाबेस में केवल एक ही जगह पर रखा जाता है। उसे दोहराया नहीं जाता है, जिसकी वजह से डाटा की Redundancy कम होती है। एक तरह से कहा जाए तो यह Normalization के नियमों का पालन करती है।


(2) Sharing of Data ( डेटा साझा करना)-

DBMS में organization के authorized यूजर के द्वारा डाटा को शेयर यानी साझा किया जाता है। इसमें administrator के द्वारा डाटा को नियंत्रित किया जाता है, और फिर यह डाटा को एक्सेस करने के लिए उपयोगकर्ता को अधिकार देता है।


(3) Data Security -

DBMS में database administrator के द्वारा डाटा को नियंत्रित किया जाता है। यहां पर डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर यह सुनिश्चित करता है, कि किस यूजर को data देना है, तथा कितना data देना है। और किस यूजर को data नहीं देना है। अगर कहा जाए तो डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर ही सब कंट्रोल करता है। जिससे डेटाबेस की सुरक्षा बढ़ जाती है।

(4) Recovery Procedures -

जैसा कि हम सब जानते हैं, कंप्यूटर एक मशीन है। इसलिए इसमें प्रॉब्लम आना आम बात है। इसलिए इसमें कभी भी हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर के खराब होने वाली प्रॉब्लम हो सकती है। ऐसी सिचुएशन में डाटा नष्ट होने का खतरा होता है, जो हमारे लिए एक बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए हमारे लिए जरूरी है कि ऐसी सिचुएशन में उस डाटा को रिकवर कर पाए। DBMS में हम डाटा recovery आसानी से कर सकते हैं।

(5) Data Consistency -


DBMS में data redundancy को नियंत्रित करके डाटा स्थिरता प्राप्त की जाती है। मतलब DBMS के द्वारा डेटाबेस में एक ही प्रकार के डाटा को बार-बार जमा होने से रोका जा सकता है।


(6) डेटा का एकीकरण -

DBMS में सारा डाटा एक टेबल में संग्रहित होता है। तथा एक डेटाबेस में एक से अधिक टेबल हो सकते हैं। इन सभी टेबल्स के बीच में संबंध बनाए जा सकते हैं, जिससे डेटा को दोबारा प्राप्त करना और अपडेट करना आसान हो जाता है।

DBMS से होने वाले फायदे। (Advantages of DBMS in Hindi)-

• यह data redundancy को कम करता है।

• यह multiuser environment को support करता है।

• इसमें डाटा को सुरक्षित रखना आसान होता है।

• इसमें बिना परमिशन या authorization के कोई भी डेटाबेस को एक्सेस नहीं कर सकता है।

• डेटाबेस में स्टोर डाटा हमेशा सही होना चाहिए। इसलिए इसमें सही डाटा को संग्रहित या स्टोर करने के लिए integrity constraints का उपयोग किया जाता है।

• इसमें authorized users के बीच डेटाबेस को शेयर करना आसान होता है।

• इसमें application development में बहुत ही कम समय लगता है।

• इसमें ज्यादातर प्राइवेसी का ख्याल रखा जाता है।

• DBMS में डेटाबेस administrator तय करता है, कि कौन से यूजर को डाटा देना है। और वह कौन से लेवल के डाटा को एक्सेस कर सकता है।

DBMS से होने वाले नुकसान। (Disadvantages of DBMS in hindi)-

(1) Cast of Implementation -

इसमें डेटाबेस सिस्टम को implement करने में लागत ज्यादा आ सकती है। जिससे काफी ज्यादा खर्चा होने की संभावना होती है।


(2) Risk of Database File -

अगर इसमें डेटाबेस थोड़े से समय के लिए भी fail हो जाता है, तो संपूर्ण कंपनी पर इसका असर होगा। जिसकी वजह से कंपनी को कई तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।

(3) Effort of Transfer Data -

System से डेटाबेस में डाटा को ट्रांसफर करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है जिसकी वजह से इसमें समय लग सकता है।

(4) इसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का cost अधिक हो सकता है।

(5) कई बार यह बहुत ही complex system होता है।

Database Management System के प्रकार। (types of database management system in hindi) -

(1) Network Database - इस प्रकार के डेटाबेस में डाटा को रिकॉर्ड के रूप में दर्शाया जाता है। तथा डाटा के बीच संबंध को लिंक(link) के रूप में दर्शाया जाता है।


(2) Relational Database - इस डेटाबेस को स्ट्रक्चरल डेटाबेस के रूप में भी जाना जाता है। इसमें डाटा टेबल के रूप में होता है, जहां पर डाटा column और rows के रूप में संग्रहित होता है।


(3) Hierarchical Database - इसका स्ट्रक्चर एक ट्री (tree) के समान होता है। इसमें डाटा को parent और child के रूप में दर्शाया जाता है। यहां पर एक parent के कई सारे child हो सकते हैं। लेकिन एक child का एक ही parent होता है।

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के प्रमुख घटक। ( components of database management system ) -

(1) सारणी (टेबल) - DBMS में सभी डाटा केबल के रूप में संग्रहित होता है। इसमें डाटा का संग्रह, संपादन, डाटा पुनः प्राप्त करना यह सभी कार्य टेबल पर ही किए जाते हैं। इसमें सारा डाटा टेबल के अंदर स्टोर रहता है। तथा यह टेबल columns और rows से मिलकर बनी होती है।


(2) फील्ड (field) - टेबल के सभी कॉलम को फील्ड कहा जाता है। जहां पर data के विशिष्ट भाग को संग्रहित किया जाता है। जैसे ग्राहक का नाम, सड़क का पता, राज्य, मोबाइल नंबर, पता आदि।


(3) रिकॉर्ड (Record) - टेबल के अंदर पंक्ति में जो डाटा स्टोर रहता है, उसे रिकॉर्ड कहा जाता है। रिकॉर्ड एक एंट्री के समान होता है, जिसमें पूरा पता होता है। जैसे व्यक्ति का नाम, पता, फोन नंबर आदि।


(4) क्वेरीज (Queries)- Queries उसे कहा जाता है, जहां पर किसी टेबल या डेटाबेस में से जरूरत के हिसाब से डाटा को बाहर निकाला जाता है। उदाहरण के लिए जैसे आप एक ही शहर में रहने वाले लोगों की सूची निकलवाना चाहते हैं, तो उसे क्वेरी कहते हैं।


(5) फॉर्म्स (forms) - किसी भी टेबल में डाटा को दर्ज यानी enter तो किया जा सकता है, लेकिन बाद में उसे संशोधित तथा भंडारण करना आसान नहीं होता है। इसलिए इस समस्या को दूर करने के लिए forms का उपयोग किया जाता है। क्योंकि टेबल की तरह forms में भी डाटा दर्ज या enter किया जा सकता है।


(6) रिपोर्ट्स (Reports) - जब हम किसी डेटाबेस के रिकॉर्ड को कागज पर प्रिंट करते हैं, तो इसे रिपोर्ट कहा जाता है।

DBMS का उपयोग कहा-कहा किया जाता है। -

DBMS का उपयोग सारी जगह पर किया जाता है। जैसे बैंकिंग में, सोशल मीडिया साइट्स पर, ऑनलाइन शॉपिंग में, एयरलाइंस में, स्कूल में, कॉलेज में, और यूनिवर्सिटी में, रेलवे रिजर्वेशन में, इसके अलावा भी बहुत सारी जगह होती है, जहां पर DBMS का उपयोग किया जाता है।

DBMS सॉफ्टवेयर कोन-कोन से हैं। -

MYSQL, Oracle, Microsoft SQL Server, IBM DB2, SQLite, Foxpro, DBASE, NOSQL, Postgre SQL, Microsoft Access आदि।

तो दोस्तों यह थी,DBMS के बारे में जानकारी। उम्मीद है आपको DBMS के बारे में यह जानकारी अच्छी लगी।

Conclusion -

आज इस पोस्ट में हमने आपको को DBMS क्या है। तथा यह कैसे कार्य करता है। इसके कितने प्रकार होते है। इसके फायदे और नुकसान के बारे में आपको पूरी जानकारी दी है। में आशा करता हु की आप लोगो को DBMS क्या है। इसके बारे में अच्छे से समझ आया होगा। अगर यदि आपको अभी भी इस पोस्ट को लेकर कुछ डाउट्स है, तो आप हमे नीचे comments करके जरूर बताये।

ओर यदि आपको हमारी पोस्ट DBMS (Data Base Management System) क्या है। हिंदी में अच्छी लगी हो ओर आपको इससे कुछ सीखने का मिला हो तो आप हमे comments करके जरूर बताए। ओर इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ whatsapp group , facebook ओर अन्य social networks site's पर शेयर करे। और इस जानकारी को अन्य लोगो तक पहुचाने में हमारी मदद करे।


अभी के लिए बस इतना ही। हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। आपका दिन शुभ हो।

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