हेलो दोस्तों तो कैसे है आप लोग।क्या आप जानते हैं कि ऑपरेटिंग सिस्टम किसे है।यह कैसे काम करता है। और यह किस लिए बनाया गया है। अगर आप नहीं जानते हैं तो आज हम इस पोस्ट में आपको ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में बताएंगे। जिसे पढ़कर आप भी समझ जाएंगे कि ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है। और यह कैसे काम करता है।
जैसा की सभी जानते है इंसान का शरीर अनेक अंगों से मिलकर बना होता है। और इंसान इन अंगों के बिना कुछ भी नहीं है। लेकिन इंसान के जिंदा रहने के लिए सबसे जरूरी जो होता है वह है उसका दिल। अगर इंसान के पास दिल ही नहीं है तो वह किस काम का है। बिना दिल के इंसान जिंदा नहीं रह सकता है। उसका शरीर कुछ काम का नहीं होता है। ठीक उसी तरह कंप्यूटर का भी एक दिल होता है। जिसे हम ऑपरेटिंग सिस्टम कहते हैं। आप सब को भी यह पता होगा। जब तक कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं होगा तब तक कंप्यूटर start ही नहीं हो पाएगा। बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के कंप्यूटर कुछ काम का नहीं है। तो चलिए अब हम बिना देर किए शुरू करते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है। ओर यह कैसे काम करता है।
- URL क्या है। इसका उपयोग क्यों किया जाता है।
- Mouse क्या है। कंप्यूटर में Mouse का उपयोग कैसे किया जाता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है। (what is operating system in hindi) -
जैसा कि हम सब जानते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है। जिसमें कंप्यूटर को बूट करते समय उसमें लोड किया गए प्रोग्राम शामिल होते हैं। और यह कंप्यूटर में अन्य एप्लीकेशन को चलाने के लिए उपयोगी होते हैं।
ऑपरेटिंग सिस्टम Application program, Hardware program ओर सिस्टम के उपकरणों के बीच मध्यस्थता के रूप में कार्य करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रोग्राम का एक बहुत बड़ा समूह होता है जो कंप्यूटर सिस्टम की गतिविधियों को नियंत्रित करने का कार्य करता है। उनका संचालन करता है। और उपयोगकर्ता तथा Hardware के बीच मध्यस्थता का कार्य करता है। या तो हम यह कह सकते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम का एक संगठित कलेक्शन होता है। जो कंप्यूटर को संचालन करने और नियंत्रित करने का कार्य करता है।
दोस्तों जैसा कि आपके पास भी लैपटॉप या स्मार्टफोन होगा। तो अक्सर Android, Linux या Windows कि आप अपने दोस्तों के साथ चर्चा करते रहते होंगे। कि मेरे पास Windows है। अगर हम कंप्यूटर की बात करें तो इसमें windows से लगाकर windows 10 तक सभी OS ही है। आप स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं तो इसमें भी एंड्रॉयड के version jally bean, से लेकर oreo सभी OS ही है। जिन्हें आप भी जानते हैं।
अब आपको भी पता चल गया है ऑपरेटिंग सिस्टम किसे कहते है। अब हम यहा नीचे इसके बारे में ओर विस्तार से जानेंगे।
ऑपरेटिंग सिस्टम Application program, Hardware program ओर सिस्टम के उपकरणों के बीच मध्यस्थता के रूप में कार्य करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रोग्राम का एक बहुत बड़ा समूह होता है जो कंप्यूटर सिस्टम की गतिविधियों को नियंत्रित करने का कार्य करता है। उनका संचालन करता है। और उपयोगकर्ता तथा Hardware के बीच मध्यस्थता का कार्य करता है। या तो हम यह कह सकते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम का एक संगठित कलेक्शन होता है। जो कंप्यूटर को संचालन करने और नियंत्रित करने का कार्य करता है।
दोस्तों जैसा कि आपके पास भी लैपटॉप या स्मार्टफोन होगा। तो अक्सर Android, Linux या Windows कि आप अपने दोस्तों के साथ चर्चा करते रहते होंगे। कि मेरे पास Windows है। अगर हम कंप्यूटर की बात करें तो इसमें windows से लगाकर windows 10 तक सभी OS ही है। आप स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं तो इसमें भी एंड्रॉयड के version jally bean, से लेकर oreo सभी OS ही है। जिन्हें आप भी जानते हैं।
अब आपको भी पता चल गया है ऑपरेटिंग सिस्टम किसे कहते है। अब हम यहा नीचे इसके बारे में ओर विस्तार से जानेंगे।
ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम -
Windows os, Linux os, Ubuntu ios, Symbian os, MS-Dos, Android os, Mac os,
ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार -
ऑपरेटिंग सिस्टम हमेशा से ही कंप्यूटर के साथ-साथ रहे हैं। जैसे-जैसे कंप्यूटर का विकास होता गया ऑपरेटिंग सिस्टम का भी विकास होता गया। ऑपरेटिंग सिस्टम को कई भागों में बांटा गया है। लेकिन हम यहां पर कुछ प्रमुख भागों के बारे में पड़ेंगे।
(●) Multitasking Operating System -
Multitasking Operating System प्रोग्राम के रनिंग स्टेट को या टास्क को कहा जाता है। मल्टी टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम को मल्टिप्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहा जाता है। मल्टी टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम मैं एक साथ एक समय में एक से ज्यादा कार्य एग्जीक्यूट हो सकते हैं। और इसे करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम टाइम शेड्यूलिंग का प्रयोग करता है। यह बहुत तेजी से कार्य करता है। इससे CPU की प्रोसेसिंग क्षमता और समय का सदुपयोग हो पाता है। यह एक साथ कई प्रोग्राम को चलाने की सुविधा प्रदान करता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर आप E-Mail भी लिख सकते हैं।
(●) Real Time Operating System -
Real Time Operating System उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए Input पर तुरंत प्रक्रिया करता है। यानी ऐसे एप्लीकेशन के लिए जहां डाटा की प्रोसेसिंग एक निश्चित और बहुत छोटे समय में पूरी हो जानी चाहिए।
(●) Network Operating System -
network operating system सॉफ्टवेयर तथा एसोसिएटेड protocol का संग्रह होता है। जो ऑटोनोमस कंप्यूटर्स का एक समूह होता है। तथा यह कंप्यूटर एक नेटवर्क में एक दूसरे से जुड़े होते हैं। नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम मैं सभी कंप्यूटर उपयोगकर्ता की जानकारी होती है। तथा कोई भी कंप्यूटर यूजर किसी भी कंप्यूटर में लॉग इन कर सकता है। एवं फाइलों को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में कॉपी कर सकता है।
(●) Single-User Operating System -
Single-User ऑपरेटिंग सिस्टम मैं एक समय में एक ही उपयोगकर्ता को कार्य करने की अनुमति देता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक समय में कई उपयोगकर्ता कार्य नहीं कर सकते हैं।
(●) Multi-User Operating System -
Multi-User ऑपरेटिंग सिस्टम एक समय में एक से अधिक उपयोगकर्ता को कार्य करने की सुविधा प्रदान करता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक समय में अनेक उपयोगकर्ता कार्य कर सकते हैं।
ऑपरेटिंग सिस्टम के फंक्शन -
ऑपरेटिंग सिस्टम के निम्न फंक्शन होते हैं। इन्हीं की वजह से कंप्यूटर सिस्टम काम करता है।
(●) Memory Management -
प्राइमरी मेमोरी और सेकेंडरी मेमोरी को मैनेज करने की प्रोसेस को मेमोरी मैनेजमेंट कहते हैं। प्राइमरी मेमोरी जिसे हम RAM के नाम से जानते हैं। जो volatile मेमोरी होती है। जो भी डॉक्यूमेंट या फाइल काम करते रहते हैं उन्हें स्टोर करती रहती है। Main मेमोरी में words के बहुत सारे array होते हैं। जिनसे हर एक का अपना एड्रेस होता है।
Main मेमोरी बहुत ही फास्ट मेमोरी होती है। जिसे हम CPU से डायरेक्ट एक्सेस कर सकते हैं।
Main मेमोरी बहुत ही फास्ट मेमोरी होती है। जिसे हम CPU से डायरेक्ट एक्सेस कर सकते हैं।
(●) Devices Management -
Device Management सभी डिवाइस को ट्रैक करता है। डिवाइस को मैनेज करने के लिए जिस प्रोग्राम का उपयोग किया जाता है उसे I/O कंट्रोलर कहा जाता है। यह डिवाइस कम्युनिकेशन को उसके ड्राइवर के जरिए मैनेज करता है। input device और output device को इंस्टॉल करने के लिए ड्राइवर मिलता है।
(●) Processor Management -
ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम का एक समूह है। जो सिस्टम रिसोर्सेस जैसे processor memory, input device, output device तथा फाइल सिस्टम को मैनेज करता है। यह सभी सिस्टम रिसोर्सेस मूल्यवान होते हैं। जिन्हें ऑपरेटिंग सिस्टम एक दूसरे से सही ढंग से कार्य करने में सहायता प्रदान करते हैं।
(●) Security -
जब हम कंप्यूटर का उपयोग करते हैं तो यही सोचते हैं कि इसका उपयोग केवल हम ही कर पाए। ताकि हमारी इंफॉर्मेशन कोई और एक्सेस ना कर पाये। यह हमें सिक्योरिटी प्रदान करता है। हम अपने लिए यूजर्स क्रिएट कर सकते हैं। और उसमें पासवर्ड भी डाल सकते हैं। ताकि हमारी इंफॉर्मेशन सेफ रहे। इसमें हम अपने पर्सनल डाटा को छुपा सकते हैं। और lock करके आसानी से रख सकते हैं।
(●) Processor Management -
ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम का एक समूह है। जो सिस्टम रिसोर्सेस जैसे processor memory, input device, output device तथा फाइल सिस्टम को मैनेज करता है। यह सभी सिस्टम रिसोर्सेस मूल्यवान होते हैं। जिन्हें ऑपरेटिंग सिस्टम एक दूसरे से सही ढंग से कार्य करने में सहायता प्रदान करते हैं।
(●) Security -
जब हम कंप्यूटर का उपयोग करते हैं तो यही सोचते हैं कि इसका उपयोग केवल हम ही कर पाए। ताकि हमारी इंफॉर्मेशन कोई और एक्सेस ना कर पाये। यह हमें सिक्योरिटी प्रदान करता है। हम अपने लिए यूजर्स क्रिएट कर सकते हैं। और उसमें पासवर्ड भी डाल सकते हैं। ताकि हमारी इंफॉर्मेशन सेफ रहे। इसमें हम अपने पर्सनल डाटा को छुपा सकते हैं। और lock करके आसानी से रख सकते हैं।
(●) Control Over System Performance -
जब आप कंप्यूटर मैं कोई प्रोग्राम को ओपन करते हैं तो वह थोड़ी देर बाद शुरू होता हो, या फिर आपने किसी फाइल को स्टोर करना चाहा और वह बहुत देर तक प्रोसेस कर रही है इन सभी प्रोसेस में होने वाली देरी को OS रिकॉर्ड करता है। और यह भी रिकॉर्ड करता है कि किसी प्रोसेस को पूरा करने के लिए सिस्टम ने कितनी देर बाद Response किया है।
ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषता -
(●) यह प्रोसेसर का ध्यान रखता है। अर्थात उसे मैनेज करता है।
(●) यह कंप्यूटर के सभी डिवाइस को मैनेज करने का काम करता है।
(●) कंप्यूटर के हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर को मैनेज करने का काम करता है।
(●) यह कंप्यूटर में खतरों से हमें अवगत कराता है।
(●) User और कंप्यूटर प्रोग्राम के बीच संबंध बनाता है।
(●) कंप्यूटर में पासवर्ड के माध्यम से सुरक्षा प्रदान करता है।
(●) यह हमें मेमोरी के बारे में अवगत करता है। जैसे कौन सी मेमोरी कहां और कितनी इस्तेमाल हो रही है।
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(●) यह हमें मेमोरी के बारे में अवगत करता है। जैसे कौन सी मेमोरी कहां और कितनी इस्तेमाल हो रही है।
- Control Panel क्या है। इसका उपयोग कहा किया जाता है।
- साउंड कार्ड क्या है। इसका उपयोग कहा होता है।
- कंप्यूटर में वीडियो रिकॉर्ड कैसे करे।
Conclusion -
आज इस पोस्ट में हमने आपको को Operating System क्या है। तथा यह कैसे कार्य करता है। इसके बारे में आपको पूरी जानकारी दी है। में आशा करता हु की आप लोगो को Operating System क्या है। इसके बारे में अच्छे से समझ आया होगा। अगर यदि आपको अभी भी इस पोस्ट को लेकर कुछ डाउट्स है हमारी पोस्ट से असन्तुष्ट है। या हमारी इस पोस्ट में कुछ सुधार करने की जरूरत है या इस पोस्ट से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन मे है तो आप हमे नीचे comments करके जरूर बताये।
अभी के लिए बस इतना ही। हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। आपका दिन शुभ हो।
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Computer systems