हेलो दोस्तो तो कैसे है, आप लोग। आज हम आपको इस पोस्ट में scanner के बारे में पड़ेंगे। अगर आप कंप्यूटर के सभी उपकरण के बारे में जानते है तो फिर आपको स्कैनर ने बारे में भी पता ही होगा। लेकिन अगर आपको स्कैनर में बारे में सही जानकारी नही है। तो आज हम इस पोस्ट में आपको स्कैनर से जुडी जानकारी देंगे। ताकि आपको भी पता चल जाये स्कैनर क्या है और इनके कितने प्रकार होते है तथा इनका उपयोग कहा किया जाता है।
अगर देखा जाए तो स्कैनर कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। कंप्यूटर में स्कैनर का काम हार्ड कॉपी को स्कैन करना होता है। यह एक इनपुट हार्डवेयर है जो डेटा को डिजिटल रूप में इनपुट करता है। आज के युग मे लोग डॉक्यूमेंट के बजाय टेक्नोलॉजी का ज्यादा उपयोग करते है। जिसकी वजह से टेक्नोलॉजी में बहुत ही बढ़िया ओर अच्छे सुधार आ रहे है। जिसमे से एक Example स्कैनर भी है। जिसका उपयोग आज के समय मे ज्यादा किया जा रहा है। स्कैनर की वहज से आज के समय मे काम आसान हो गया है। किसी भी वस्तु को स्कैन किया जा सकता है। तो चलिए अब हम बिना देर किए शुरू करते है स्कैनर क्या होता है।
स्कैनर एक इनपुट डिवाइस है जिसका मतलब होता है कि हम इसमें इनपुट कर सकते है। यह कंप्यूटर data या information को डिजिटल रूप में लेता है। इसलिए स्कैनर डॉक्यूमेंट, इमेज, टेक्स्ट आदि को डिजिटल फॉर्मेट में कन्वर्ट करके कंप्यूटर में सेव करता है। स्कैनर दस्तावेज ओर फोटोग्राफ जैसे टेक्स्ट को कैप्चर करता है।
Scanner क्या है(What is scanner in hindi) -
स्कैनर एक इनपुट डिवाइस है जिसका मतलब होता है कि हम इसमें इनपुट कर सकते है। यह कंप्यूटर data या information को डिजिटल रूप में लेता है। इसलिए स्कैनर डॉक्यूमेंट, इमेज, टेक्स्ट आदि को डिजिटल फॉर्मेट में कन्वर्ट करके कंप्यूटर में सेव करता है। स्कैनर दस्तावेज ओर फोटोग्राफ जैसे टेक्स्ट को कैप्चर करता है।
जब किसी डॉक्यूमेंट को स्केन करना होता है, तो सबसे पहले उस डॉक्यूमेंट को डिजिटल सिग्नल में बदला जाता है ओर फिर डॉक्यूमेंट के इस इलेक्ट्रॉनिक वर्जन पर स्कैनिंग की जाती है। स्कैनर की सहायता है data को अपलोड करना आसान होता है। उदाहरण के लिए - यदि आपको कोई दस्तावेज स्कैन करना है। तो आपको पता होना चाहिए कि कंप्यूटर केवल डिजिटल फॉर्मेट को समझता है। इसलिए वह दस्तावेज डिजिटल फॉर्मेट में ही होना चाहिए। कंप्यूटर में हमे हार्ड कॉपी को डिजिटल में बदलने के लिए हमे स्कैनर की आवश्यकता होती है। अगर आप कोई भी हार्ड कॉपी की इमेज,टेक्स्ट,फ़ोटो को कंप्यूटर में सेव करना चाहते है तो इसके लिए आपको स्कैनर की सहायता लेनी होगी। क्यों कि अगर हमें कंप्यूटर से किसी भी डॉक्यूमेंट का उपयोग करना है तो हम उसकी हार्ड कॉपी निकाल लेते है। लेकिन अगर हमें हार्ड कॉपी की फ़ोटो को कंप्यूटर में सेव करना चाहते है तो इसके लिए हमे स्कैनर की आवश्यकता होगी। जिसकी सहायता से हम उस डॉक्यूमेंट को स्कैन करके सेव कर लेते है।
स्कैनर में लेजर किरणों का प्रयोग किया जाता है। यह किसी जेरॉक्स मशीन के समान ही कार्य करता है। SCSI, TWAIN, आदि जैसे विभिन्न इंटरफेस का उपयोग करके एक स्कैनर को कंप्यूटर से जोड़ा जाता है। लेकिन आज के समय मे स्कैनर को कंप्यूटर से जोड़ने का आसान सा तरीका USB केबल है। जिस प्रकार कंप्यूटर में मौजूद सॉफ्टकॉपी को हार्डकॉपी में प्रिंट देने के लिए प्रिंटर होता है। ठीक उसी प्रकार स्कैनर हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में सेव करने के लिए होता है। स्कैनर को ब्लूटूथ के माध्यम से भी जोड़ा जा सकता है। स्कैनर की मदद से हम white, black, ओर colourful किसी भी डॉक्यूमेंट को स्कैन करके कंप्यूटर में सेव कर सकते है। अगर हमें white, black फ़ोटो को colourful बनाना है तो यह कार्य हम स्कैनर की सहायता से कर सकते है। हम स्कैनर की सहायता से उस फ़ोटो के साइज को छोटा या बड़ा कर सकते है। इसके लिए हमे स्कैन की गई फ़ोटो को किसी भी browser पर open करके उसे editing कर सकते है।
स्कैनर हार्ड कॉपी को स्कैन करता है। फिर वह स्कैन किया हुआ data कंप्यूटर में जाकर सेव हो जाता है। स्कैनर को पॉवर देने के लिए पॉवर केबल का उपयोग किया जाता है। अगर हम साधारण भाषा मे कहे तो "स्कैनर एक ऐसा उपकरण होता है जिसके माध्यम से graphic information एवं मूल प्रपत्र पर आधारित information को सीधे कंप्यूटर में प्रवेश कराया जा सकता है।"
अब आप सोच रहे होंगे कि स्कैनर कार्य कैसे करता है तो में आपको बता दु की स्कैनर के कार्य करने के लिए हमारे कंप्यूटर में स्कैनर ड्राइवर सॉफ्टवेयर का होना आवश्यक है। यहाँ हम हार्ड कॉपी को स्कैन में रखते है और फिर स्कैनर हार्ड कॉपी को स्कैन करता है। तो अब आप समझ गए होंगे कि स्कैनर किसे कहते है और यह कैसे कार्य करता है। इसके बारे में आपको अच्छे से पता चल गया। अब हम स्कैनर के प्रकार के बारे में पड़ेंगे।
स्कैनर के प्रकार (scanner types in hindi) -
ऊपर हमने आपको स्कैनर के बारे में जानकारी दी। यह क्या है और यह कैसे कार्य करता है। अब हम स्कैनर के प्रकार के बारे में आपको जानकारी देँगे। वैसे स्कैनर विभिन्न प्रकार के होते है। ओर सभी प्रकार के स्कैनर में अपनी-अपनी विशेषता होती है। लेकिन हम यहाँ पर आपको इम्पोर्टेन्ट स्कैनर के बारे में जानकारी देंगे(1) Drum scanner -
इस स्कैनर का निर्माण सबसे पहले किया गया था। इस स्कैनर में photomultiplier tube का इस्तमाल किया जाता था। यह स्कैनर इस photomultiplier tube के माध्यम से इमेज को स्कैन करता था। इस photomultiplier tube में एक लाइट सेंसिंग डिवाइस होती है। इस लिए यह एक अच्छी sensitivity ओर अच्छा signal-to-hoise ratio प्रदान करता है। drum scanner इमेज को अच्छी क्वॉलिटी में स्कैन करता है। यह आपको एक प्रकार का रिजॉल्यूशन, डिटेल, डायनामिक रेंज ओर कलर रेडरेशन दे सकता है। इसकी उच्च लागत के कारण बहुत ही कम कंपनियां इसका निर्माण करती है। अधिकत्तर इस स्कैनर का उपयोग मेग्जिन व किताबे छापने वाली कंपनियां करती है।
(2) फ्लैटबेड स्कैनर(flatbed scanner) -
इस प्रकार के स्कैनर को सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाता है। इसमें एक glass pane ओर एक moving optical array होता है। इसमें एक काँच लगा होता है जिस पर पेपर को रख कर स्कैन किया जाता है। इस पर पेपर या इमेज ऑटोमेटिक आगे बढ़ती रहती है। फ्लैटबेड स्कैनर के कुछ मॉडल ऑल-इन-वन डिवाइस में निर्मीत होते है। जो प्रिंटर, कॉपी मशीन, स्कैनर, फैक्स मशीन के रूप में कार्य करते है। यह स्कैनर सबसे ज्यादा उपयोग में लिए जाने वाला स्कैनर है। यह स्कैनर फोटो कॉपीयर की तरह दिखाई देते है। इस स्कैनर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह स्कैनर बटन के एक क्लिक के साथ किसी भी डॉक्यूमेंट को स्कैन कर सकता है। फ्लैटबेड स्कैनर में तीन sensors भी लगे होते है red, green, blue, जो फ़िल्टर के साथ लगे होते है।
(3) हेंड स्कैनर (hand scanner) -
यह स्कैनर फ्लैटबेड की तरह ही होता है। इन्हें हम हेंड स्कैनर या हेंडहेल्ड स्कैनर भी कहते है। ये स्कैनर एक छोटी घड़ी के समान होते है। हैंडहेल्ड स्कैनर को ऊपर से pull किया जाता है। image surface के द्वारा जिससे बड़ी image को भी स्कैन किया जा सके। यह स्कैनर आपको किसी भी आकार की वस्तु को स्कैन करने की अनुमति प्रदान करता है। लेकिन इस स्कैनर की गुणवत्ता फ्लैटबेड स्कैनर से कम होती है।
(4) ओ एम आर स्कैनर (OMR scanner)-
OMR की फुल फॉर्म "optical mark Recognition" है। इस स्कैनर का उपयोग उत्तर पुस्तिका की जाँच करने में किया जाता है।
(5) 3D scanner -
यह स्कैनर reference markers के placements के ऊपर डिपेंड करता है। इस स्कैनर का उपयोग element के position को स्पेस में align करने के लिए किया जाता है।
(6) बी.सी.आर स्कैनर (BCR scanner) -
इस स्कैनर का उपयोग बारकॉड को पढ़ने में किया जाता है। मतलब की प्रोडक्ट के ऊपर एक बारकॉड लगा होता है जिस पर स्कैनर की सहायता से बारकॉड स्कैन किया जाता है। तब स्कैनर की मदद से उस प्रोडक्ट की सारी जानकारी open हो जाती है।
(6) ओ.सी.आर स्कैनर ( OCR scanner) -
OCR का फुल फॉर्म "optical character Recognition" है। इस स्कैनर का उपयोग पासपोर्ट को क्लियर करने में किया जाता है। यह स्कैनर पेपर पर प्रिंट हुआ data आसानी से पड़ लेता है।
(7) smartphone scanner -
इस स्कैनर का उपयोग smartphone में किसी डॉक्यूमेंट को स्कैन करने के लिए किया जाता है। कई smartphone डिवाइस में इस स्कैनर का उपयोग किया जाताहै।
(8) Desktop Digital Camera Scanner -
यह एक all-in-one प्रिंटर होता है। desktop digital camera scanner के साथ मे। जहाँ पर यह स्कैनर high-speed image scanning जैसे features को प्रदान करता है।
(9) MICR Scanner -
MICR का फुल फॉर्म मेग्नेटिक इंक कैरेक्टर Recognition होता है। इस स्कैनर का उपयोग मैग्नेटिक कैरेक्टर को पढ़ने में किया जाता है। बैंकों में किसी का चेक क्लियर करने में MICR Scanner का उपयोग किया जाता है।
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Scanner के उपयोग -
वर्तमान समय मे स्कैनर का उपयोग सब जगह किया जाता है। अगर हम किसी online point पर कोई फार्म भरने जा रहे है तो उसमें लगने वाले सभी डॉक्यूमेंट को स्कैनर की सहायता से ही स्कैन किया जाता है। स्कैनर सभी डॉक्यूमेंट को स्कैन करके उन्हें डिजिटल रूप में परिवर्तित कर देता है। पुस्तकों को online अपलोड करने के लिए भी स्कैनर का उपयोग किया जाता है। अगर हमें किसी दूसरी जगह पर डॉक्यूमेंट को भेजना है या कहीं अपलोड करना है तो हम यह कार्य भी स्कैनर की सहायता से करते है।स्कैनर इन डॉक्यूमेंट को स्कैन करके डिजिटल रूप में convert कर देता है। और हम फिर कंप्यूटर की सहायता से कहीं भी ये डॉक्यूमेंट को भेज सकते है। अभी वर्तमान में स्कैनर All-in-one आने लग गये है। जिसमे स्कैनर, प्रिंटर, फोटोकॉपी, तीनों एक साथ होते है।
किसी भी वस्तु का स्कैन कैसे होता है। -
जब हम किसी डॉक्यूमेंट को स्कैनर के भीतर या स्कैनर में रखते है तो सबसे पहले उस डॉक्यूमेंट की image scanned होती है। और फिर उस scanned data को process करने के लिए उसे computer system को भेजा जाता है। स्कैनर color array के द्वारा red, green, blue, color को पड सकते हैं। फिर इन color की सहायता से कंप्यूटर स्कैन की गई डॉक्यूमेंट या वस्तु को पड लेता है। और उसे सेव कर लेता है। यहां पर array characteristics के basis पर red, green, blue color की depth को measure भी किया जा सकता है। हम pixels per inch में image resolution को भी measure कर सकते है।
Scanner का इतिहास -
1860 के दशक के करीब स्कैनर के शुरुआती रूप दिखाई देते है। लेकिन जैसा कि हम जानते है कि सबसे पहले स्कैनर को कंप्यूटर के साथ उपयोग करने के लिए 1957 में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय मानक ब्यूरो ( United states National Bureau of standards) की टीम के Russell A. Krisch नामक व्यक्ति के द्वारा बनाया गया था। Russell Krisch उस समय अमेरिका की पहली Internally programmable computer को बनाने में काम कर रहे थे। इस उपकरण का आविष्कार होने के बाद इसकी पहली image को स्कैन करने के लिए krisch के बेटे की तस्वीर का उपयोग किया गया था। इस काले और सफेद (black &white) इमेज को 5×5 cm में मापा गया था।
Conclusion -
आज इस पोस्ट में हमने आपको scanner क्या होता है तथा इसका उपयोग कहा और कैसे होता है के बारे में आपको पूरी जानकारी दी है। में आशा करता हु की आप लोगो को scanner क्या होता है के बारे में अच्छे से समझ आया होगा। अगर यदि आपको अभी भी इस पोस्ट को लेकर कुछ डाउट्स है या हमारी इस पोस्ट में कुछ सुधार करने की जरूरत है या इस पोस्ट से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन मे है तो आप हमे नीचे comments करके जरूर बताये।ओर यदि आपको हमारी पोस्ट scanner क्या होता है हिंदी में अच्छी लगी हो ओर आपको इससे कुछ सीखने का मिला हो तो हमे comments करके आप जरूर बताए।ओर इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ whatsapp group , facebook ओर अन्य social networks पर शेयर करे और इस जानकारी को अन्य लोगो तक पहुचाने में हमारी मदद करे।
अभी के लिए बस इतना ही। हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। आपका दिन शुभ हो।