हैलो दोस्तों तो कैसे हे, आप लोग। आज की हमारी इस पोस्ट में आपका स्वागत है। आज हम इस पोस्ट में आपको printer के बारे में जानकारी देंगे। अगर आप एक कंप्यूटर यूजर है तो फिर अपने printer का नाम तो सुना ही होगा। तब आपके दिमाग मे ये ख्याल तो आया ही होगा कि आखिर ये प्रिंटर है क्या। ओर इसका उपयोग कैसे किया जाता है। आज भी बहुत सारे लोगो को printer की जानकारी नही होती है। लेकिन आज हम इस पोस्ट में आपको printer के बारे में बताएंगे।
अगर आप एक कॉलेज स्टूडेंट्स है तो फिर अपने किसी विषय का प्रोजेक्ट बनाया ही होगा। जैसे अपने इतिहास का प्रोजेक्ट बनाया और फिर उसे प्रिंट कर लिया। अगर आप कहि भी जॉब करते है जैसे आफिस, स्कूल या किसी कंपनी में तब आपको असाइनमेंट या प्रोजेक्ट दिया होगा उस विषय से संबंधित जो अपने सेलेक्ट किया है। अगर आप एक इंजीनियर है तो आपने भवन निर्माण का नक्शा बनाया होगा। और फिर उसे प्रिंट कर लिया।
अपने अगर कभी ध्यान दिया होगा तो आपको पता होगा कि हम अक्सर किसी online वाले के यह जाकर कहते है कि हमे उस रिजल्ट की print निकल दीजिये। आज हम विभिन प्रकार के दस्तावेजों को print करवाते है। लेकिन अपने कभी सोचा ये सब कार्य हम किसकी सहायता से करते है। तो में आपको बता दु की यह सब कार्य हम printer की सहायता से करते है। लेकिन आपने कभी ये सोच है ये printer क्या है और ये किसने बनाया है तथा ये कितने प्रकार के होते है व इनका उपयोग कहा-कहा किया जाता है। अगर आपको पता है तो बहुत अच्छी बात है लेकिन अगर आपको पता नही है तो आज हम इस पोस्ट में आपको printer के बारे में जानकारी देंगे। जिससे आपको भी printer के बारे में बहुत कुछ पता चल जाएगा। लेकिन इसके लिए आपको हमारी इस पोस्ट को पूरा पड़ना होगा। तो आप इस पोस्ट को शुरू से अंत तक पड़ते रहे। चलिए अब बिना देर किए शुरू करते है printer क्या है।
Printer इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। जिसका उपयोग डिजिटल सूचना को कागज पर छापने के लिए किया जाता है। ये एक आउटपुट डिवाइस है जो दस्तावेज तथा चित्रों को print करता है। यह सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी में परिवर्तित करने का कार्य करता है। यह एक बाहरी Output Device है।
जब कंप्यूटर से जानकारी का आउटपुट बहुत तेजी से निकलता है तो प्रिंटर इतनी जल्दी से कार्य नही कर पाता है। इसलिए इसकी इस आवश्यकता को महसूस करते हुए यह निर्णय लिया गया कि printer के अंदर ही जानकारियों को स्टोर किया जा सके। इसके लिए printer के अंदर ही मेमोरी का निर्माण किया गया। जहाँ से यह परिणामो को धीरे-धीरे print करता है। printer किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में स्टोर किए गए डेटा को एक पेज में print करता है। इस पेज का साइज छोटा या बड़ा कर सकते है जिससे हम उस print किए गए पेज का उपयोग अनके कार्यो के लिए कर सकते है।
आमतोर पर printer कंप्यूटर के साथ कार्य करता है और उसे केबल की सहायता से कंप्यूटर के साथ जोड़ा जाता है। लेकिन वर्तमान समय मे अनेक प्रकार के printer मार्केट में उपलब्ध है। जो डिजिटल डिवाइस प्रिंटर फ़ीचर्स को सपोर्ट करते है। जिससे हम दूर बैठ कर भी printer का इस्तेमाल कर सकते है। ये printer ब्लूटूथ, वाईफाई ,क्लाउड तकनीक से विकसित होते है।
अगर हम साधारण भाषा मे कहे तो printer एक ऐसा आउटपुट डिवाइस है जो soft copy को hard copy में परिवर्तित करने का कार्य करता है।
अब आप समझ गए होंगे कि printer किसे कहते है। अब हम printer के प्रकार के बारे। के पड़ेंगे
Printer के प्रकार ( Types of printer in hindi) -
हम printer को दो समूह में वर्गीकृत कर सकते है
(●) Impact printer
(●) Non-impact
(1) Impact printer -
ये printer अक्षरों को कागज पर छापने के लिए स्याही से भरी रीबीन पर इन्हें मरते है। तब जाकर वह अक्षर कागज पर छपता है। इम्पैक्ट प्रिंटर का उपयोग प्रिन्टिंग दस्तावेज के साथ -साथ ग्राफिक्स के लिए भी किया जाता है। ये प्रिंटर अपना कार्य बिल्कुल टाइपराईटर की तरह करते है। जिस तरह हम टाइपिंग करते है ठीक उसी तरह यह printer प्रिंटिंग करता है।
इम्पैक्ट प्रिंटर ऐसा printer है जहाँ प्रिंट हेड, कार्टिज ओर पेपर के बीच एक भौतिक संपर्क स्थापित किया गया होता है। इस printer के फीचर्स के कारण इसका उयोग ऐसे स्थानो या जगह पर किया जाता है जहाँ पर मल्टी-पार्ट प्रिंट होता है। यह printer सामान्य प्रिंटर की आपेक्षा अधिक ध्वनि उत्तपन्न करते है। इनकी प्रिन्टिंग लागत सस्ती होती है।
इम्पैक्ट प्रिंटर भी दो प्रकार के होते है।
(1)Character printer,(2)Line printer
(★) character printer -
वह printer जो केवल एक बार मे एक ही जगह पर छपाई करता है उसे character printer कहते है। इन printer के द्वारा ग्राफिक प्रिन्टिंग सम्भव नही है। इनके द्वारा केवल अक्षरों को छापा जा सकता है। इनका उपयोग बहुत कम किया जाता है।
यह भी दो प्रकार के होते है।
(1)Dotmatrix printer
(2) Daisy wheel printer
डोटमैट्रिक्स प्रिंटर काफी लोकप्रिय प्रिंटर है। यह एक इम्पैक्ट प्रिंटर है। यह प्रिंटिंग करते समय बहुत ज्यादा शोर करते है। इसमें print हेड पर धातु पिन की एक मेट्रिक्स का उपयोग किया जाता है। इसमें प्रत्येक पिन के रिबीन ओर कागज पर स्पर्श से एक ओर डॉट छपता है। और ये अनेक डॉट मिलकर एक कैरेक्टर का निर्माण करते है। प्रिंट हेड को काफी बल के साथ रिबीन के खिलाफ टक्कर लगाई जाती है। जिसका प्रभाव कागज के अक्षरों की छाप के कारण बनता है। इस कारण डोटमैट्रिक्स प्रिंटर की प्रिंटिंग गति 30 से 600 कैरेक्टर प्रति सेकंड होती है। यह प्रिंट हेड की मदद से कैरेक्टर बनाते है। जो कि (0 से1) के रूप में मेमोरी से प्राप्त करते है। प्रिंट हेड में इलेक्ट्रॉनिक सर्किट मौजूद होता है। जो कैरेक्टर को डिकोड करता है डोटमैट्रिक्स उच्च गुणवत्ता वाले दस्तावेज या ग्राफिक्स का उत्पादन नही करती है। निम्न-गुणवत्ता वाले एप्लिकेशन डोटमैट्रिक्स प्रिंटर का उपयोग करते है। डोटमैट्रिक्स printer कॉर्बन कॉपी प्रिंटिंग में उपयोग किया जाता है। डोटमैट्रिक्स प्रिंटर में धातु की पिन की संख्या 9 से 24 होती है। सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली मेट्रिक्स प्रिंटर में 24 धातु की पिन होती है।
(●) Daisy wheel printer -
यह ठोस मुद्रा अक्षर वाला इम्पैक्ट प्रिंटर है।इसके प्रिंट हेड की आकृति एक पुष्प गुलबहार से मिलती है। इसलिए इसका नाम डेजी व्हील प्रिंटर रखा गया है। यह धीमी गति का प्रिंटर होता है। इसका उपयोग पत्र छापने में होता है। क्यों कि इसके आउटपुट की स्पस्टता उच्च होती है। यह लेटर क्वालिटी प्रिंटर होता है। इस प्रकार के प्रिंटर का उपयोग बहुत कम किया जाता है।
(★) Line printer -
यह प्रिंटर एक बार में पूरी लाइन को छाप सकता है। इसलिए इसे लाइन प्रिंटर भी कहा जाता है इसकी छापने की गति 300 से 3000 लाइन प्रति मिनट होती है यह प्रिंटर mini एवं mainframe कंप्यूटर में बड़े कार्यों हेतु प्रयोग किए जाते हैं इनकी प्रिंटिंग लागत बहुत कम होती है इसलिए इन्हें आज भी बिजनेस में इस्तेमाल किया जाता है लाइन प्रिंटर तीन प्रकार के होते हैं
ड्रम प्रिंटर (Drum printer) चेंज प्रिंटर (Chain printer), बैंड प्रिंटर(Band printer)
(2)Non-Impact printer -
non impact printer की विशेषता यह है कि इसकी काम करने की प्रक्रिया काफी शांत होती है यह प्रिंटर अक्षरों को छापने के लिए रिबीन पर अक्षरों को मारता नहीं है इसलिए इसे नॉन इंपैक्ट प्रिंटर कहते हैं यह प्रिंटर प्रिंट हेड, कार्टेज और पेपर के बीच भौतिक संपर्क स्थापित नहीं करता है इसकी प्रिंटिंग क्वालिटी बहुत साफ होती है इन प्रिंटर की सहायता से आप ग्राफिक प्रिंटिंग आराम से कर सकते हैं इनकी लागत इंपैक्ट प्रिंटर की तुलना में थोड़ी सी ज्यादा होती है मगर इनका परिणाम प्रिंटर बेहतर होते हैं नॉन इंपैक्ट प्रिंटर दो प्रकार के होते हैं।
●Laser printer ●Inkjet printer
(●) Laser printer -
लेजर इंपैक्ट एक नॉन इंपैक्ट पेज प्रिंटर है। लेजर प्रिंटर का उपयोग कंप्यूटर सिस्टम में 1970 के दशक से हो रहा है पहले यह mainframe कंप्यूटर में उपयोग किए जाते थे। लेजर प्रिंटर प्रिंट करने के लिए लेजर की एक किरण का उपयोग करता है स्थेतीक इलेक्ट्रिसिटी के सिद्धांत पर लेजर प्रिंटर कार्य करता है स्टैतिक इलेक्ट्रिसिटी का मतलब जहां एक इंसुलेटेड वस्तु पर बिजली के चार्ज जम जाते यह प्रिंटर आजकल अधिक लोकप्रिय है क्योंकि यह अपेक्षाकृत अधिक तेज और उच्च क्वालिटी के टेक्स्ट ग्राफिक्स छापने में सक्षम है यह उच्च गुणवत्ता वाला प्रिंट उत्पन्न करता है और यह प्रिंटर काफी महंगे होते हैं इन्हें समय-समय पर सर्विसिंग की आवश्यकता होती है इस प्रिंटर के अंदर कार्टरेज का उपयोग किया जाता है जिसके अंदर सुखी स्याही को भर दिया जाता है लेजर प्रिंटर के कार्य करने की विधि फोटोकॉपी मशीन की तरह होती है यह प्रिंटर प्लास्टिक की सीट या अन्य सीट पर आउटपुट प्रिंट कर सकते हैं।
(●) Inkjet printer -
इंकजेट प्रिंटर चित्र या टेक्स्ट बनाने के लिए कागज पर इंक छिड़क कर प्रिंट निकालता है इस प्रिंटर का आउटपुट बहुत स्पष्ट होता है क्योंकि इसमें अक्षरों का निर्माण कई डॉट्स से मिलकर होता है इसमें स्याही की बुंदिया नलिका की एक श्रंखला के माध्यम से छिड़काई जाती है इंकजेट प्रिंटर रंग और मोनोक्रोम कार्टिज का उपयोग करता है इंकजेट प्रिंटर में स्याही के चार नोजल होते हैं नीला ,लाल, पीला, काला इसलिए इसकी CMYK प्रिंटर भी कहा जाता है। यह चारों मिलकर किसी भी रंग को उत्पन्न कर सकते हैं इसलिए इनका प्रयोग सभी प्रकार के रंगीन प्रिंटर में किया जाता है यह प्रिंटर उच्च गुणवत्ता वाली प्रिंटिंग प्रदान करता है। लेकिन इसमें प्रिंटिंग की लागत अधिक होती है यह प्रिंटर पैरलल(cpt) या यूएसबी(USB) पोर्ट के माध्यम से जुड़े हुए होते हैं।
यह एक प्रकार का पेरिफेरल डिवाइस होता है। जो कंप्यूटर से संपर्क करता है। और उससे इनपुट प्राप्त कर हमें आउटपुट देता है। अन्य पेरिफेरल उपकरणों की तरह विभिन्न तरीकों से कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है जैसे कि यूएसबी केबल की ,इंथरनेट केबल, प्रिंटर केबल आदि। इसमें वायरलेस कनेक्शन का उपयोग भी किया जाता है। वायरलेस कनेक्ट करने में सक्षम प्रिंटर को वायरलेस प्रिंटर कहते हैं यह बिना तार या केबल के कंप्यूटर से जुड़े होते हैं यह वाईफाई और ब्लूटूथ के जरिए प्रिंट निकालते हैं।
non impact printer की विशेषता यह है कि इसकी काम करने की प्रक्रिया काफी शांत होती है यह प्रिंटर अक्षरों को छापने के लिए रिबीन पर अक्षरों को मारता नहीं है इसलिए इसे नॉन इंपैक्ट प्रिंटर कहते हैं यह प्रिंटर प्रिंट हेड, कार्टेज और पेपर के बीच भौतिक संपर्क स्थापित नहीं करता है इसकी प्रिंटिंग क्वालिटी बहुत साफ होती है इन प्रिंटर की सहायता से आप ग्राफिक प्रिंटिंग आराम से कर सकते हैं इनकी लागत इंपैक्ट प्रिंटर की तुलना में थोड़ी सी ज्यादा होती है मगर इनका परिणाम प्रिंटर बेहतर होते हैं नॉन इंपैक्ट प्रिंटर दो प्रकार के होते हैं।
●Laser printer ●Inkjet printer
(●) Laser printer -
लेजर इंपैक्ट एक नॉन इंपैक्ट पेज प्रिंटर है। लेजर प्रिंटर का उपयोग कंप्यूटर सिस्टम में 1970 के दशक से हो रहा है पहले यह mainframe कंप्यूटर में उपयोग किए जाते थे। लेजर प्रिंटर प्रिंट करने के लिए लेजर की एक किरण का उपयोग करता है स्थेतीक इलेक्ट्रिसिटी के सिद्धांत पर लेजर प्रिंटर कार्य करता है स्टैतिक इलेक्ट्रिसिटी का मतलब जहां एक इंसुलेटेड वस्तु पर बिजली के चार्ज जम जाते यह प्रिंटर आजकल अधिक लोकप्रिय है क्योंकि यह अपेक्षाकृत अधिक तेज और उच्च क्वालिटी के टेक्स्ट ग्राफिक्स छापने में सक्षम है यह उच्च गुणवत्ता वाला प्रिंट उत्पन्न करता है और यह प्रिंटर काफी महंगे होते हैं इन्हें समय-समय पर सर्विसिंग की आवश्यकता होती है इस प्रिंटर के अंदर कार्टरेज का उपयोग किया जाता है जिसके अंदर सुखी स्याही को भर दिया जाता है लेजर प्रिंटर के कार्य करने की विधि फोटोकॉपी मशीन की तरह होती है यह प्रिंटर प्लास्टिक की सीट या अन्य सीट पर आउटपुट प्रिंट कर सकते हैं।
(●) Inkjet printer -
इंकजेट प्रिंटर चित्र या टेक्स्ट बनाने के लिए कागज पर इंक छिड़क कर प्रिंट निकालता है इस प्रिंटर का आउटपुट बहुत स्पष्ट होता है क्योंकि इसमें अक्षरों का निर्माण कई डॉट्स से मिलकर होता है इसमें स्याही की बुंदिया नलिका की एक श्रंखला के माध्यम से छिड़काई जाती है इंकजेट प्रिंटर रंग और मोनोक्रोम कार्टिज का उपयोग करता है इंकजेट प्रिंटर में स्याही के चार नोजल होते हैं नीला ,लाल, पीला, काला इसलिए इसकी CMYK प्रिंटर भी कहा जाता है। यह चारों मिलकर किसी भी रंग को उत्पन्न कर सकते हैं इसलिए इनका प्रयोग सभी प्रकार के रंगीन प्रिंटर में किया जाता है यह प्रिंटर उच्च गुणवत्ता वाली प्रिंटिंग प्रदान करता है। लेकिन इसमें प्रिंटिंग की लागत अधिक होती है यह प्रिंटर पैरलल(cpt) या यूएसबी(USB) पोर्ट के माध्यम से जुड़े हुए होते हैं।
वायरलेस प्रिंटर क्या है। (what is wireless printer in hindi) -
यह एक प्रकार का पेरिफेरल डिवाइस होता है। जो कंप्यूटर से संपर्क करता है। और उससे इनपुट प्राप्त कर हमें आउटपुट देता है। अन्य पेरिफेरल उपकरणों की तरह विभिन्न तरीकों से कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है जैसे कि यूएसबी केबल की ,इंथरनेट केबल, प्रिंटर केबल आदि। इसमें वायरलेस कनेक्शन का उपयोग भी किया जाता है। वायरलेस कनेक्ट करने में सक्षम प्रिंटर को वायरलेस प्रिंटर कहते हैं यह बिना तार या केबल के कंप्यूटर से जुड़े होते हैं यह वाईफाई और ब्लूटूथ के जरिए प्रिंट निकालते हैं।
नेटवर्क प्रिंटर क्या है। (what is network printer in hindi) -
नेटवर्क प्रिंटर एक प्रिंटर है। जिसे नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह नेटवर्क से कनेक्ट होने के लिए internet protocol (Ip) एड्रेस का इस्तेमाल करता है यह किसी फाइल सर्वर या नेटवर्क अटैचड स्टोरेज डिवाइस के समान एक स्टैंडर्ड नेटवर्क रिसोर्स के रूप में उपयोग की अनुमति देता है। हालांकि कुछ नेटवर्क प्रिंटर वायरलेस नेटवर्क से कनेक्ट करने में सक्षम होते हैं कई स्टैंडर्ड वायर्ड नेटवर्क प्रिंटर कनेक्टिविटी के लिए इथरनेट पोर्ट का इस्तेमाल करते हैं।प्रिंटर का इतिहास ( History of printer in hindi) -
पहला कंप्यूटर प्रिंटर 19वीं शताब्दी में कंप्यूटर के पितामह चार्ल्स बैबेज ने अपने difference इंजन के लिए डिजाइन किया था। मगर 20वीं शताब्दी तक भी यह डिजाइन नहीं बन पाया था। फिर समय के साथ सन 1968 में जापान की कंपनी Epson Ep-101 नामक पहला इलेक्ट्रॉनिक प्रिंटर का आविष्कार किया। यह प्रिंटर शुरुआत में टाइपराइटर तथा टैली टाइप मशीन का स्वरूप होते थे। जैसे-जैसे समय गुजरता गया प्रिंटर की मांग बढ़ती गई। कुछ वर्षों बाद 1984 में कम कीमत का Hp Laser jat प्रिंटर को लांच किया गया। परंतु 2000 आते-आते इंटरनेट धीरे-धीरे विश्व भर में लोगों तक पहुंच रहा था। जिससे ईमेल का उपयोग कर दस्तावेज के आदान-प्रदान का प्रचलन बढ़ता गया। तथा प्रिंटर की आवश्यकता में कमी आने लगी। सन 2010 में 3D प्रिंटिंग आकर्षण का केंद्र बन गया। जिससे 3D ऑब्जेक्ट को सरल बना दिया। परंतु उनकी वर्तमान समय में यह प्रिंटिंग डिवाइस पूरी तरह से विकसित नहीं हुए है। जिस कारण इनकी पहुंच काफी कम है।printer निर्माता कंपनियां (Printer manufacturers companies) -
प्रिंटर विभिन्न विशेषताओं और आकारों में उपलब्ध है। यह कई कंपनियों द्वारा निर्मित होते हैं। हर कंपनी के प्रिंटर की अपनी अलग ही विशेषता होती है। हर कंपनी कुछ Standard features वाले प्रिंटर्स बनाती है। प्रिंटर बनाने वाली कंपनियों के नाम निम्न है।Canon Inc, HP(Hewlett Packard), Espon, Ricoh, Dell, Samsung, Toshiba, Xerox, Panasonic, Kyocera, Lexmark, आदि।
Conclusion -
आज इस पोस्ट में हमने आपको printer क्या होता है। तथा इसका उपयोग कहा और कैसे होता है। इसके बारे में आपको पूरी जानकारी दी है। में आशा करता हु की आप लोगो को printer क्या होता है। के बारे में अच्छे से समझ आया होगा। अगर यदि आपको अभी भी इस पोस्ट को लेकर कुछ डाउट्स है या हमारी इस पोस्ट में कुछ सुधार करने की जरूरत है या इस पोस्ट से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन मे है तो आप हमे नीचे comments करके जरूर बताये।ओर यदि आपको हमारी पोस्ट printer क्या होता है। हिंदी में अच्छी लगी हो ओर आपको इससे कुछ सीखने का मिला हो तो हमे comments करके आप जरूर बताए।ओर इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ whatsapp group , facebook ओर अन्य social networks site's पर शेयर करे और इस जानकारी को अन्य लोगो तक पहुचाने में हमारी मदद करे।
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