हेलो दोस्तों तो कैसे है, आप लोग। आज की हमारी इस पोस्ट में आपका स्वागत है। आज हम कंप्यूटर मॉनिटर के बारे में पड़ेंगे। क्या आपको पता है कंप्यूटर मॉनिटर क्या है। ये कितने प्रकार के होते है और ये कैसे अपना कार्य करते है। आपने कंप्यूटर को तो देखा होगा। तब आपने मॉनिटर के बारे में जरूर सुना ही होगा। बहुत सारे लोगों को मॉनिटर के बारे में पता तो होता है। लेकिन इनके प्रकारों के बारे में बहुत कम ही लोग जानते है। उन्हें इनके बारे में सही से जानकारी नहीं होती है।
आपने कभी सोचा है हम कंप्यूटर पर कुछ भी कार्य करते है तो हमारा सबसे ज्यादा वक्त किस चीज या वस्तु के सामने व्यतीत होता है। अगर आपको पता है तो बहुत अच्छा है। लेकिन अगर आपको नही पता है तो में आपको बता दु जब हम कंप्यूटर पर कुछ भी कार्य करते हैं। जैसे वीडियो देखना ,मूवी देखना, गेम खेलना या कंप्यूटर पर कोई प्रोजेक्ट तैयार करना हो तो हमारा अधिकतर समय कंप्यूटर मॉनिटर पर ही व्यतीत होता है। कंप्यूटर में जो भी कार्य हम करते हैं। उसका परिणाम हमें आउटपुट डिवाइस के रूप में देखने को मिलता है। इस आउटपुट डिवाइस को हम साधारण भाषा में डिस्प्ले(Display) कहते हैं। इस डिस्प्ले की मदद से हम कंप्यूटर स्क्रीन पर Visual इंफॉर्मेशन देख पाते हैं। कंप्यूटर सिस्टम में मॉनिटर का इस्तेमाल एक डिस्प्ले यूनिट की तरह होता है। एक अच्छा डिस्प्ले किसी भी यूजर के एक्सप्रेशन में अच्छा खासा असर डाल सकता है। मॉनिटर के कई प्रकार होते हैं परंतु यह सभी डिस्प्ले टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं। ताकि इनफॉरमेशन शेयरिंग को simple और आसान बना पाए। मॉनिटर का मुख्य कार्य हमारे कंप्यूटर स्क्रीन पर ग्राफिकल इंफॉर्मेशन को प्रोड्यूस(produce) करना होता है। मॉनिटर हमारे कंप्यूटर या pc में एक केबल के माध्यम से मदरबोर्ड से कनेक्ट होता है। अगर आपको मॉनिटर के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है तो आज हम इस पोस्ट में आपको मॉनिटर के बारे में जानकारी देंगे। जिससे आपको पता चल जाएगा मॉनिटर क्या है तथा यह कितने प्रकार के होते हैं और इनका कहां-कहां उपयोग किया जाता है। तो चलिए बिना देर किए शुरू करते है। मॉनिटर क्या है।
मॉनिटर क्या है।(what is moniter in hindi) -
मॉनिटर एक आउटपुट डिवाइस होता है। जो CPU की सारी इंफॉर्मेशन को स्क्रीन पर हमें दिखाता है। इसे विजुअल डिस्प्ले यूनिट भी कहा जाता है। यह दिखने में एक tv की तरह होता है। यह interface की तरह होता है।जिसे मदरबोर्ड के साथ CPU ओर यूजर के बीच एक केबल की सहायता से कनेक्ट किया जाता है। यह कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। कंप्यूटर इसके बिना अधूरा होता है। अगर हम कंप्यूटर में इनपुट प्रदान करते हैं और मॉनिटर नहीं होगा तो हमें आउटपुट कैसे प्राप्त होगा। कंप्यूटर के अंदर क्या चल रहा है हमें कुछ भी पता नहीं चलेगा। बिना मॉनिटर के हम कंप्यूटर पर कार्य नहीं कर पाएंगे। इसलिए इसे कंप्यूटर का मुख्य अंग कहा जाता है। जिस तरह मनुष्य की आंखें उसका प्रमुख अंग होती है जिससे वह सब कुछ देखने का काम करता है। उसी तरह यह भी कंप्यूटर का प्रमुख अंग होता है जिसकी सहायता से कंप्यूटर पर सब कार्य किए जाते हैं।यह हमारे द्वारा दिए गए इनपुट को मॉनिटर स्क्रीन पर आउटपुट के रूप में सॉफ्ट कॉपी के रूप में प्रदर्शित करता है। एक मॉनिटर को चार पार्ट्स से मिलकर बनाया जाता है। डिस्प्ले, कवच, सर्किट, तथा पावर सप्लाई। जब हम कंप्यूटर में keyboard की सहायता से इनपुट माध्यम से कोई word टाइप करते हैं। तो सबसे पहले यह request कंप्यूटर में लगे वीडियो कार्ड को जाती है। फिर वह वीडियो कार्ड ग्राफिक्स इंफॉर्मेशन को जनरेट(generate) करके मॉनिटर को सेंड करता है।
पहले के मॉनिटर को कैथोड रे ट्यूब (Cathode ray tube ) CRT का उपयोग करके बनाया जाता था। जिससे वे अधिक heavy होते थे। लेकिन आजकल के मॉनिटर डिस्प्ले को फ्लैट पैनल डिस्प्ले टेक्नोलॉजी (Flat-panel display technology) का उपयोग करके बनाया जाता है। जिससे यह मॉनिटर हल्के भी होते हैं। यह मॉनिटर TV से काफी similor होते हैं। लेकिन टेलीविजन (TV) के साथ इन दोनों में जो मेन डिफरेंस होते हैं वो ये की मॉनिटर में television tuner नहीं होता है। मॉनिटर में higher display resolution होता है। जो टेलीविजन से ज्यादा है।
मॉनिटर का आविष्कार किसने किया। -
मॉनिटर का सबसे पहले आविष्कार एक जर्मन साइंटिस्ट ( german scientist) karl ferdinand braun ने 1897 मे किया था। जब उन्होंने पहला cathode ray tube का invent किया था। तब उन्होंने एक fluorescent screen के साथ एक CRT मॉनिटर को सबसे सामने पेश किया था।मॉनिटर के प्रकार (Types of moniter in hindi) -
कंप्यूटर मॉनिटर बहुत सारे प्रकार के होते है। इन सभी कि अपनी-अपनी विशेषता होती है।(1)CRT Monitors-
सीआरटी मॉनिटर सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला मॉनिटर या आउटपुट डिवाइस है। जिसे VDU (visual display unit) भी कहते हैं। यह मॉनिटर एक कैथोड रे ट्यूब का इस्तेमाल करता है। जिसे generally picture tube भी कहा जाता है। अधिकतर मॉनिटर में पिक्चर ट्यूब एलिमेंट होता है। जो टीवी सेट के समान होता है। यह ट्यूब CRT कहलाती है। इस cathode ray tube को construct करने के लिए एक vacuum tube, heaters, deflection, circuits, तथा electron guns ओर एक glass screen का इस्तेमाल होता है। जब इसमें इलेक्ट्रॉन प्रोड्यूस होते हैं तो कैथोड रे ट्यूब के अंदर स्क्रीन को इन इलेक्ट्रॉन के द्वारा bomboard किया जाता है। जिससे वह glow करती है। और इमेज प्रोड्यूस होती है। यह इलेक्ट्रॉन bomboard electronic grid के पास की जाती है। ताकि इलेक्ट्रॉन की स्पीड को कम किया जा सके। CRT मॉनिटर स्क्रीन पर फास्फोरस की coding की जाती है। इसलिए जैसे ही इलेक्ट्रॉनिक बीम स्क्रीन से टकराती है तो पिक्सल चमकने लगते है। और स्क्रीन इमेज दिखाई देने लगता है। CRT मॉनिटर older television sets को resembie करते हैं। वह bulky होते हैं। तथा साथ में बहुत ज्यादा एनर्जी consume भी करते हैं।
(2) LCD(Liquid Crystal Display)
LCD मॉनिटर का full from Liquid Crystal Display होता है। यह मॉनिटर LCD screen monochrome pixels का उपयोग करते हैं। आज CRT मॉनिटर की जगह LCD मॉनिटर अधिक प्रचलन में आ गए हैं। यह मॉनिटर बहुत ही ज्यादा आकर्षक होते हैं। इन मॉनिटर मे pixels को सिस्टमैटिकली अरेंज किया जाता है। यह इमेज from में तब होते हैं। जब ये are transparent electrodes ओर polarizing filters के बीच मे होते है। LCD मॉनिटर डिजिटल टेक्नोलॉजी के होते हैं। जो एक फ्लैट सतह पर तरह-तरह की क्रिस्टल के माध्यम से आकृति का निर्माण करते हैं। यहां मॉनिटर बेहतर ग्राफिक क्वालिटी प्रदान करते हैं। यह मॉनिटर कम जगह लेता है। तथा यह ऊर्जा का उपयोग कम करता है। कंप्यूटर मॉनिटर में ज्यादातर LCD( लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले) का इस्तेमाल होता है। यह डिस्प्ले सबसे पहले लैपटॉप में उपयोग होती थी। परंतु अब डेस्कटॉप कंप्यूटर में भी उपयोग होती है।
(3) LED monitor -
LED मॉनिटर का full from Light Emitting Diode होता है। यह मॉनिटर बाजार में नवीनतम मॉनिटर है। तथा यह latest टाइप के मॉनिटर है। यह मॉनिटर फ्लैट पैनल या थोड़ा घुमावदार डिस्प्ले के होते हैं। जो कि light emitting diodes का इस्तेमाल करते हैं। यह मॉनिटर LCD तथा CRT मॉनिटर से बहुत कम बिजली का इस्तेमाल करते हैं। यह लाइटिंग के लिए cold cathode fluorescent(CCFL) का उपयोग नहीं करते हैं। CCFL का उपयोग एलसीडी में होता है। यह मॉनिटर higher controst वाले इमेज का निर्माण करते हैं। तथा यह negative environmental impact भी ज्यादा नहीं डालते हैं। यह मॉनिटर LCD और CRT मॉनिटर की तुलना में अधिक टिकाऊ होते हैं। इनकी design बहुत पतली होती है। यह मॉनिटर चलते समय ज्यादा गर्मी उत्पन्न नहीं करते हैं।
(4) Flat Panel Monitor -
यह मॉनिटर CRT मॉनिटर की तकनीक के स्थान पर नई विकसित की गई तकनीक से बने होते हैं। जिसमें केमिकल और गैसों को एक प्लेट में रखकर उसका प्रयोग डिस्प्ले में किया जाता है। यह मॉनिटर बहुत पतली स्क्रीन के होते हैं। जिसके कारण यह मॉनिटर वजन में हल्के होते हैं। तथा बिजली का कम उपयोग करते हैं। इस मॉनिटर में लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले तकनीक का प्रयोग किया जाता है। यह मॉनिटर ज्यादातर लैपटॉप में उपयोग किए जाते हैं।
(5) Touch Screen Monitor -
यह मानीटर स्मार्टफोन की तरह काम करते हैं। मतलब इसके फीचर्स को यूज करने के लिए आपको इसकी स्क्रीन पर फिंगर से टच करना होगा। आज के समय में industry डिवाइस में इनकी popularity तेजी से बढ़ती जा रही है। एटीएम में भी इसी प्रकार के मॉनिटर का उपयोग होता है। आज के समय में मॉडर्न टेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग को देखते हुए लैपटॉप और PC में भी टचस्क्रीन डिस्प्ले टेक्नोलॉजी की मांग को बढ़ावा मिल रहा है।
रंगों के आधार पर मॉनिटर के प्रकार -
रंगों के आधार पर मॉनिटर तीन प्रकार के होते है।(1) मोनोक्रोम(monochrome) -
मोनोक्रोम दो शब्दों से मिलकर बना है। mono का मतलब एकल (single) तथा क्रोम का मतलब रंग (color) इसलिए इसको सिंगल कलर डिस्प्ले भी कहा जाता है। यह मॉनिटर हमारे द्वारा दिए गए इनपुट को स्क्रीन पर आउटपुट को white & black के रूप में प्रदर्शित करता है।
(2) ग्रे-स्केल (gray-scale) -
यह मॉनिटर मोनोक्रोम मॉनिटर के जैसे ही होते हैं। लेकिन यह किसी भी तरह के डिस्प्ले को ग्रे शेड्स में प्रदर्शित करते है। इस प्रकार के मॉनिटर अधिकतर लैपटॉप में प्रयोग किए जाते हैं।
(3) रंगीन मॉनिटर (color monitor) -
यह मॉनिटर तीन रंगो RGB( Red-Green-Blue) विकिरणों के समायोजन के रूप में आउटपुट को कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित करते हैं। यह मॉनिटर उच्च resolution में ग्राफिक्स को प्रदर्शित करने में सक्षम होते हैं। यह मॉनिटर कंप्यूटर की क्षमता के अनुसार 16 से लेकर 16 लाख तक के रंगों में आउटपुट प्रदर्शित करने की क्षमता रखते हैं।
कंप्यूटर मॉनिटर के कार्य -
कंप्यूटर मॉनिटर एक प्रकार का display adapter होता है। जोकि graphics adapter द्वारा generate की गई इंफॉर्मेशन और वीडियो तथा इमेज को वीडियो कार्ड से processed कर कंप्यूटर स्क्रीन पर डिस्प्ले करता है। मतलब आपके द्वारा कंप्यूटर को जो इनपुट दिया जा रहा है उसे कंप्यूटर स्क्रीन पर आउटपुट के रूप में परिणाम दिखाता है। जब किसी बायनरी इंफॉर्मेशन 1 तथा 0 से इमेज में वीडियो कार्ड द्वारा या graphics card द्वारा कन्वर्ट किया जाता है। तब इमेज को बड़ी आसानी से directly ही कनेक्टेड मॉनिटर में डिस्प्ले किया जा सकता है। अगर हम आसान भाषा में कहें तो एक इमेज या कोई भी ग्राफ़िक्स जैसे text एक कंप्यूटर स्क्रीन में जो होने से पहले उसे वीडियो कार्ड या ग्राफ़िक्स कार्ड से उसकी प्रोसेस की जाती है। जिसके बाद वह मॉनिटर को दिया जाता है। इस पूरे प्रोसेस में यह यूजर को कंप्यूटर के साथ interact करने के लिए सुविधा प्रदान करता है। इसे एक आउटपुट डिवाइस के हिसाब से categorized किया जाता है। इसे वीडियो डिस्प्ले यूनिट भी कहा जाता है।कंप्यूटर मॉनिटर का इतिहास -
कंप्यूटर के शुरुआती दोर में हमारे पास मॉनिटर के नाम की कोई उपकरण नही था। केवल बस उस समय paper का उपयोग करके कंप्यूटर से कम्यूनिकेट किया जाता था। उस समय cards पर instractions को type करने के लिए punch card मशीन का उपयोग किया जाता था। जिसके द्वारा कंप्यूटर उन्हें पड़ जाता था। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता चला गया। ओर टेक्नोलॉजी का विकास होता गया। वर्ष 1922 में CRT टेक्नोलॉजी का उपयोग करके पहला कंप्यूटर मॉनिटर का निर्माण किया गया। तब यह मॉनिटर आकार में काफी बड़े होते थे। ओर केबल एक ही जगह पर लगे होते थे। ये काफी बड़े होते थे। और केवल एक ही जगह पर लगे होते थे। ये काफी भारी भी थे। फिर बाद में LCD टेक्नोलॉजी का निर्माण किया गया। यह मार्केट में काफी लोकप्रिय हुई। आजकल अधिकांश display में LCD technology का उपयोग करते है।Resolution क्या है। -
Resolution मॉनिटर का महत्वपूर्ण गुण होता है। यह स्क्रीन पर चित्र की स्पस्टता को प्रदर्शित करता है। ज्यादातर डिस्प्ले डिवाइसेस में स्क्रीन पर चित्र ओर छोटे-छोटे डॉट के चमकने से बनती है। इन छोटे-छोटे डॉट को हम pixles कहते है। स्क्रीन पर जितने ज्यादा pixles होंगे। स्क्रीन का रेजोल्यूशन उतना ही ज्यादा होगा । मान ले एक डिस्प्ले रेजोल्यूशन 560 *400 है इसका मतलब है कि स्क्रीन पर 560 डॉट के स्तंभ तथा 400 डॉट की पंक्तियाँ(column) से बनी है।Dot pitch क्या है। -
डॉट पिच एक प्रकार की मापने की तकनीक है। जो यह प्रदर्शित करती है कि दो पिक्सल के मध्य Horizontal दूरी कितनी है। यह मॉनिटर की गुणवत्ता को प्रदर्शित करती है। इसका मापन मिलीमीटर में किया जाता है।मॉनिटर में डॉट पिच कम कम होना चाहिए। एक color मॉनिटर की डॉट पिच 0.15MM से 0.30MM तक होती।मॉनिटर निर्माता कंपनिया -
बाजार में आपको कई तरह की compnay के मॉनिटर मिल जाएंगे। सब मॉनिटर की अपनी-अपनी विशेषता होती है। हम यहाँ कुछ मॉनिटर निर्माता कंपनियों के नाम बतायेंग जो मॉनिटर का निर्माण करती है।Dell, HP, Lenovo, Sumsange, Acer, Aoc, LG, Alienware, Asus, Planar, Sony, View Sonic, Apple, Sharp, Philips, Liyama ।
Conclusion -
आज इस पोस्ट में हमने आपको कंप्यूटर मॉनिटर क्या है। तथा ये कितने प्रकार के होते है। इसके बारे में आपको पूरी जानकारी दी है। में आशा करता हु की आप लोगो को कंप्यूटर मॉनिटर क्या है। इसके बारे में अच्छे से समझ आया होगा। अगर यदि आपको अभी भी इस पोस्ट को लेकर कुछ डाउट्स है या हमारी पोस्ट से असन्तुष्ट है। या हमारी इस पोस्ट में कुछ सुधार करने की जरूरत है या इस पोस्ट से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन मे है तो आप हमे नीचे comments करके जरूर बताये।ओर यदि आपको हमारी पोस्ट कंप्यूटर मॉनिटर क्या है। हिंदी में अच्छी लगी हो ओर आपको इससे कुछ सीखने का मिला हो तो आप हमे comments करके जरूर बताए। ओर इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ whatsapp group , facebook ओर अन्य social networks पर शेयर करे। और इस जानकारी को अन्य लोगो तक पहुचाने में हमारी मदद करे।
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Computer